तुम को लगता होगा
कभी तुम पर लिखा हुआ होगा यहाँ पर शायद कुछ
उसे लगता होगा
हो सकता है उसके लिये ही कहा गया हो कुछ
पर समय पर लिखा गया कुछ भी
किसी पर भी नहीं लिखा होता है
जो हो रहा होता है उसे तो होना ही होता है
और तुम पर कुछ लिख लेने का साहस होने के लिये
अंदर से बहुत मजबूत होना होता है
चौराहे पर खड़े होकर खीजने वालों के लिये
चार रास्ते होते हुऐ भी कहीं रास्ता नहीं होता है
हर तरफ से लोग आते हैं और चले जाते हैं
सभी को अपनी मंजिलों का पता होता है
जिसे भटकना होता है
उसके लिये एक ही रास्ता बहुत होता है
ना कहीं मंजिल होती है
ना ही कोई ठिकाना होता है
आना और जाना
उसे भी आता है बहुत अच्छी तरह
जाना किस के लिये और कहाँ होता है
बस यही और यही पता नहीं होता है
बस यही और यही पता नहीं होता है
परसों गुजरा था इसी चौराहे से
आज फिर जाना होगा
आने वाले कल में भी
इसी रास्ते में कहीं ना कहीं ठिकाना होगा
सब दिखायेंगे
अपने अपने रास्ते
अपने अपने रास्ते
पर जिसे खोना होगा हमेशा की तरह
उसके आने जाने का रास्ता
इस बार भी
इस बार भी
पिछली बार की तरह ही
उनहीं गिने चुने निशानेबाजों के निशाने होगा
उनहीं गिने चुने निशानेबाजों के निशाने होगा
ऐसे में मत सोच लेना गलती से भी
कोई तुम पर या फिर उस पर लिख रहा होगा
कुछ ही दिन हैं बचे इंतजार कर 'उलूक'
हर चौराहे पर
सारा सब कुछ बहुत साफ साफ लिखा होगा ।
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