उलूक टाइम्स: पागलों
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शुक्रवार, 4 अप्रैल 2014

शिकायत करने की हर बात पर बीमारी हो गई हो जिसे उसका इलाज ही नहीं कहीं हो पाता है

मलाई लूटने के
मौके बहुत मिलते हैं
बिल्लियों को
सालों साल तक
एक ही जगह से
दूध लूटने का मौका
कभी कभी आता है
क्यों नहीं सीखते हो
इस बात से
थोड़ा बहुत कुछ
दुकान अपनी बंद कर
कुछ दिनों के
लिये ही सही
सड़क किनारे एक
खोमचा क्यों नहीं
आजकल लगाता है
देने या ना देने
जाने या ना जाने
का दस्तूर बहुत
पुराना हो गया है
थोपे गये कबूतरों
को उड़ाने में
किसी का बताये
तो सही कोई
क्या जाता है
शेर बाघों को
जंगल का रास्ता
दिखा दिखा कर
सियारों ने कर
लिया हो जब
हर शहर गाँव
कस्बों से अपना
मजबूत नाता है
सियार हूँ
सियारों के लिये हूँ
सियारों के द्वारा
सियारों का जैसा
करने और कहने में
फिर काहे को शर्माता है
क्या करेगा
उलूक
तेरे पास भी कुछ
तो काम की
कमी लगती है
दुनियाँ हमेशा से
ऐसे ही चलती है
तू भी पागलों की
तरह रोज एक
ना एक शिकायत
ले कर चला आता है
सोचता भी नहीं है
कुछ भी हो
कैसा भी हो
काम करना निभाना
थोड़ा सा भी
क्या कहीं इस तरह
से छोड़ा जाता है
तेरे लगती रहती
है मिर्ची हमेशा
लगती रहे
पता है तुझे भी
तेरे जैसों को
कौन यहाँ और वहाँ
भी मुँह लगाता है ।  

सोमवार, 10 फ़रवरी 2014

क्या करे कोई अगर अच्छा देखने का भी बुरा नजरिया होता है

सबका शहर
सबके लिये
बहुत ही 
खास होता है

बहुत सी
खासियत
होती हैं
हर शहर की
जाना जाता है
पहचाना जाता है
देश ही नहीं
विदेश में भी
हर किसी के लिये
अपना शहर
उसकी नजर में
कुछ ना कुछ
विशेष होता है
सब के लिये
एक ही नहीं
कुछ अलग
भी होता है 
किसी का
बचपन होता है
किसी की
जवानी होती है
किसी का
बुढ़ापा होता है
कोई शहर
छोड़ भी
चुका होता है
पर उसकी
यादों में कुछ
जरूर होता है
मेरी यादों में
पागलों का एक
काफिला होता है
बचपन से आज
तक मैने शहर
की गलियों में
देखा होता है
बहुत ज्यादा मगर
अफसोस होता है
जब याद आता है
बचपन के जाने से
बुढ़ापे के आने  तक
बहुत कुछ बोलते
बहुत कुछ लिखते
बहुत सी जगहों पर
इसी शहर की
गलियों में बहुत से
पागलों को देखा है
बहुत कुछ
खो दिया होता है
जब खुद के
लिखे में उनका
लिखा हुआ
जैसा बहुत
कुछ होता है
मेरे शहर का
मिजाज तब
और होता था
आज कुछ
और होता है
पागल पहले
भी हुऐ है
लिखने और
बोलने वाले

आज भी होते हैं
बाकी हर शहर में
कुछ तो
अलग और

विषेश होता है
जो यहाँ होता है
उससे अलग
कहीं और भी
क्या पता
कुछ और
भी होता है

और बहुत ही
खास होता है ।