उलूक टाइम्स: बहरा
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गुरुवार, 10 सितंबर 2015

छोड़ भी दे देख कर लिखना सब कुछ और कुछ लिख कर देख बिना देखे भी कुछ तो जरूर लिखा जायेगा


रात को सोया कर 
कुछ सपने वपने हसीन देखा कर 
सुबह सूर्य को जल चढ़ाने के बाद ही 
कुछ लिखने और लिखाने की कभी कभी सोचा कर 

देखेगा
सारा बबाल ही चला जायेगा 
दिन भर के कूड़े कबाड़ की कहानियाँ 
बीन कर जमा करने की आदत से भी बाज आ जायेगा 

छोड़ देगा सोचना 
बकरी कब गाय की जगह लेगी
कब मुर्गे को राम की जगह पर रख दिया जायेगा 

कब दिया जायेगा राम को फिर वनवास
कब उसे लौट कर आने के लिये मजबूर कर दिया जायेगा

ऐसा देखना भी क्या
ऐसे देखे पर कुछ लिखना भी क्या 

राजा के
अपने गिनती के बर्तनों के साथ
अराजक हो जाने पर अराजकता का राज होकर भी 
ना दिखे किसी भी अंधे बहरे को 

इससे अच्छा मौसम लगता नहीं ‘उलूक’ 
तेरी जिंदगी में फिर कहीं आगे किसी साल में दुबारा आयेगा 

छोड़ भी दे देख कर लिखना सब कुछ 
और कुछ लिख कर देख बिना देखे भी 
कुछ तो जरूर लिखा जायेगा । 

चित्र साभार: altamashrafiq.blogspot.com

सोमवार, 25 अगस्त 2014

गलतफहमी में ही सही लेकिन कभी कोई ऐसे ही कुछ समझ चुका है जैसा नजर आने लगता है थोड़ी देर के लिये ही सही

कुछ तो
अच्छा ही
लगता होगा

एक
गूँगे बहरे को

जब

उसे
कुछ देर
के लिये
ही सही

महसूस
होता होगा

जैसे
उसके
इशारों को
थोड़ा थोड़ा

उसके
आस पास के

सामान्य
हाथ पैर
आँख नाक कान
दिमाग वाले

समझ
रहे हों
के जैसे
भाव देना
शुरु करते होंगे

समझ में
आता ही होगा

किसी
ना किसी को

कि एक
छोटी सी
बात को
बताने के लिये

उसके पास
शब्द कभी भी
नहीं होते होंगे

कहना
सुनना बताना
सब कुछ
करना होता होगा उसे

हाथ की
अँगुलियों से ही

या कुछ कुछ
मुँह बनाते हुऐ ही

बहुत
खुशी
झलकती होगी
उसके चेहरे पर

बहुत सारे
लोग नहीं भी

बस
केवल एक ही
समझ लेता होगा
उसकी बात को
उसके भावों को

या
दर्द और खुशी
के बीच की

उसकी
कुछ यात्राओं को

सोच भी
कभी कभी
एक ऐसा
बहुत छोटा
सा बच्चा
हो जाती है

जो एक
टेढ़ी मेढ़ी
लकड़ी को

एक
खिलौना
समझ कर
ताली बजाना
शुरु कर देता हो

कुछ भी
कैसे भी कहा जाये

सीधे सीधे
ना सही
कुछ इशारों
में ही सही

जरूरी नहीं है

अपनी
बात को
कहने के लिये
एक कवि या
लेखक हो जाना
हमेशा ही

लेकिन
बिना पूँछ के
बंदर के नाच पर भी

कभी
किसी दिन
देखने वाले
जरूर ध्यान देते हैं

अगर
वो रोज
नाचता है

‘उलूक’

किसी
दिन तुझे

इस तरह
का लगने
लगता है
कुछ कुछ
अगर

खुश
हो
लिया कर
तू भी
थोड़ी देर
के लिये
ही सही ।