उलूक टाइम्स: बातों
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शनिवार, 16 मई 2015

बात होती है तभी बात पर बात की जाती है

धन्यवाद आभार
एक नहीं
कई कई बार
बात करने से
ही कुछ आप के
बात बन पाती
है सरकार
अटल सत्य है
बात होने पर
ही तो कोई बात
बना पाता है
बिना बात के
बात हो जाना
कहीं भी देखने
में नहीं आता है
बातें बनाने में
माहिर ही बातों से
आगे निकल पाता है
बात नहीं करने
वाले को इसीलिये
हाथ जोड़ कर जाने
के लिये कहा जाता है
बात निकलती है
तभी दूर तलक
भी जा पाती है
बातों पर लिखी
जाती हैं गजलें
बातें ही गीत
और कविताऐं
हो जाती हैं
बातें ही सुर में
ताल में बाँध कर
संगीत के साथ
सुनाई जाती हैं
आइये सीखते हैं
बातें बनाना
बातें फैलाना
बातें उठाना
और बातों
ही बातों में
बातों के ऊपर
से छा जाना
कल्पना कीजिये
सपनों में देख
कर तो देखिये
बातें करते हुऐ
करोड़ों जबानें
किस तरह
बातों ही बातों में
बातों के कल
कारखानों में
बदल जाती हैं
बातें अच्छे समय
के आने की
बातें सपनों में भी
सपने दिखाने की
बातों ही बातों में
बातों से भूख और
प्यास मिटाने की
बातें बिना कुछ
किये कराये यूँ ही
कहीं भी कभी भी
कुछ भी बातों बातों
में ही हो जाने की
बात होती है तभी
बात पर बात
भी की जाती है
बिना बात किये
बात पर बात
करने की बात
‘उलूक’ तक के
समझ से बाहर
की बात हो जाती है ।

चित्र साभार: www.clipartoday.com

शनिवार, 21 अप्रैल 2012

फूलों की बातें

बातों
बातों में
एक बात
निकल कर
आती है

फूलों की
उपस्थिति
तो सुकून
देती ही है
फूलों की
बातें भी
सबको
लुभाती हैं

पौपी की
कली अफीम
बनवाती है
बेनूरी पर
नरगिस
अपनी क्यों
रोती चली
जाती है
डैफोडिल
जलते भी है
रजनीगंधा
देख कर
लोगों के दिल
मचलते भी हैं

ये सब
फूल
फूलों में
अभिजात्य
कहलाये
जाते हैं

फूलों में
भी होती
है वर्ग
व्यवस्था
आदमी के
द्वारा ही
फूलों की
राजनीति में
समझाये
भी जाते हैं

हर एक
अपने
गमले के
फूल की
तारीफ में
उलझ
जाता है
खुश्बू
पाता है
खुश हो
जाता है

दूसरी ओर
जिंदगी के
अपने आप
उग आये
झाड़ों को
जब पता
चलता है

कहीं
आसपास
उनके कोई
खुश्बूदार
फूल
खिलता है

झाड़ घेर
लेते हैं
फूल को
और
दबा देते हैं
उसकी
खुश्बू को
फैलने से

सब कुछ
पूरी तैयारी
के साथ
होता है

हर झाड़
का अपनी
तरह से
इसमें कुछ
ना कुछ
हाथ होता है

उसके बाद
घर से लेकर
हर खबर में
बस
झाड़ ही झाड़
होता है

पर फूल तो
भाई 'उलूक'
फूल होता है

फैल ही
जाती है
उसकी
खुश्बू

शहर में
नहीं पर
दूर कहीं
जाकर

और
जब आती है
फूल और
उसकी
खबर

पड़ गयी
है किसी
की फूल
पर नजर

सारे झाड़
एक साथ
आते हैं
फूल को
फूलों की
माला
पहनाते हैं
और
फिर
लौट जाते है
अपने अपने
बाल
नोंंचते हुए

घर में दबाये
गये फूल
आकाश में
इसी तरह
फैल जाते हैं ।