कुछ
उठती उनींदी
सुबह लिखें
कुछ
खोती सोती
शाम लिखें
कुछ
जागी रातों
के नाम लिखें
कुछ
बागी सपनों
के पैगाम लिखें
कुछ
बहकी साकी
के राम लिखें
कुछ
आधे खाली
कुछ
छलके जाम लिखें
कुछ
लिखने
ना लिखने
की बातों में से
थोड़ा
सा कुछ
खुल कर
सरेआम लिखें
कुछ
दर्द लिखें
कुछ खुशी लिखें
कुछ
सुलझे प्रश्नों
के उलझे
इम्तिहान लिखें
कुछ
झूठ लिखें
कुछ टूट लिखें
कुछ
रस्ते कुछ
कुछ सच के
कुछ अन्जान लिखें
कुछ
बनते बनते से
कुछ शैतान लिखें
थोड़े से
कुछ
मिट्ठी से उगते
इन्सान लिखें
कुछ
कुछ लिखते
लिखते कुछ
खुद की बातें
‘उलूक’
कुछ
बातें उसकी
कुछ उससे
पहचान लिखें।
चित्र साभार: https://pngio.com
उठती उनींदी
सुबह लिखें
कुछ
खोती सोती
शाम लिखें
कुछ
जागी रातों
के नाम लिखें
कुछ
बागी सपनों
के पैगाम लिखें
कुछ
बहकी साकी
के राम लिखें
कुछ
आधे खाली
कुछ
छलके जाम लिखें
कुछ
लिखने
ना लिखने
की बातों में से
थोड़ा
सा कुछ
खुल कर
सरेआम लिखें
कुछ
दर्द लिखें
कुछ खुशी लिखें
कुछ
सुलझे प्रश्नों
के उलझे
इम्तिहान लिखें
कुछ
झूठ लिखें
कुछ टूट लिखें
कुछ
रस्ते कुछ
कुछ सच के
कुछ अन्जान लिखें
कुछ
बनते बनते से
कुछ शैतान लिखें
थोड़े से
कुछ
मिट्ठी से उगते
इन्सान लिखें
कुछ
कुछ लिखते
लिखते कुछ
खुद की बातें
‘उलूक’
कुछ
बातें उसकी
कुछ उससे
पहचान लिखें।
चित्र साभार: https://pngio.com