उत्तर का प्रश्न
खुद अपने से निकाले
संकरे से
भटकन भरे रास्ते पर
चलने की आदत डाले
सामने वाले के लिये
एक उलझन हो जाये
मुश्किल हो जाती है ऎसे में क्या किया जाये
भटकने वाला तो
भटकना है करके खुद भटक जाता है
हैरानी की बात
इसलिये नहीं होती है
कि
उसको अच्छा भटकना आता है
सीधे रास्ते पर
सीधे सीधे चलने वाला
दूर दूर तक साथ देने वाला
ढूँढने में जहाँ बरसों लगाता है
भटकने वाले को भटकाने के लिये
भटकता हुआ कोई
पता नहीं कैसे तुरंत मिल जाता है
पता नहीं कैसे तुरंत मिल जाता है
भटक भटक कर भटकते हुऎ
भटकाने वाले का बेड़ा
भटकाव के सागर में भटक जाता है
सामने वाला देख देख कर
पागल हो जाता है
उसके पास
अपने सर के
अपने सर के
बाल नोंचने के अलावा
कुछ नहीं रह जाता है ।