आज
पहली बार
सुना हो ऐसा
भी नहीं है
हर वर्ष
इसी दिन
सुनाई दिया है
मजबूती से
सुनाई दिया है
एक मजबूत
दिवस है आज
मजदूर दिवस है
मेहनत कशों
का दिवस है
उर्जा होती ही
है दिवस में
समझ में
मजदूर लेकिन
आज तक
नहीं आ पाया है
मजबूरियाँ
मगर
नजर आई हैं
समझ में भी आई हैं
कुछ
करने के लिये
सच में
चाहिये होता है
एक बहुत बड़ा
विशाल कलेजा
वो कभी ना
हो पाया है
ना ही लगता है
कभी हो पायेगा
जो कर पाये
अपने आसपास
के झूठों से
सच में प्रतिकार
उठा सके
ज्यादा नहीं
बस एक ही आवाज
जोर शोर
से नहीं
कुछ हल्की
सी ही सही
ना जा पाये
दूर तलक
ना लौटे
टकरा कर
कहीं दीवार से
कोई बात नहीं
सुनकर मजदूर
मजबूर जैसा
ना महसूस हो
मजदूर ही हो
सुनाई देने में भी
मजबूत हो
मशहूर ना हो पाये
जरूरी भी नहीं है ।
चित्र साभार: www.thewandererscarclub.com
पहली बार
सुना हो ऐसा
भी नहीं है
हर वर्ष
इसी दिन
सुनाई दिया है
मजबूती से
सुनाई दिया है
एक मजबूत
दिवस है आज
मजदूर दिवस है
मेहनत कशों
का दिवस है
उर्जा होती ही
है दिवस में
समझ में
मजदूर लेकिन
आज तक
नहीं आ पाया है
मजबूरियाँ
मगर
नजर आई हैं
समझ में भी आई हैं
कुछ
करने के लिये
सच में
चाहिये होता है
एक बहुत बड़ा
विशाल कलेजा
वो कभी ना
हो पाया है
ना ही लगता है
कभी हो पायेगा
जो कर पाये
अपने आसपास
के झूठों से
सच में प्रतिकार
उठा सके
ज्यादा नहीं
बस एक ही आवाज
जोर शोर
से नहीं
कुछ हल्की
सी ही सही
ना जा पाये
दूर तलक
ना लौटे
टकरा कर
कहीं दीवार से
कोई बात नहीं
सुनकर मजदूर
मजबूर जैसा
ना महसूस हो
मजदूर ही हो
सुनाई देने में भी
मजबूत हो
मशहूर ना हो पाये
जरूरी भी नहीं है ।
चित्र साभार: www.thewandererscarclub.com