उलूक टाइम्स: रसिक
रसिक लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
रसिक लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 20 जून 2012

जवान के साथ जा जवान हो जा

कुछ कुछ
खुश खुश
थोड़ा सा
रसिक मिजाज

सबसे जुदा
जुदा अंदाज
वाले एक
हमारे साहब

लगा रहे थे
दूर कहीं
नजर आ रहे एक
सज्जन को जोर
जोर से आवाज

अरे भाई कहां से
आज आ रहे हो
बड़े दिनो बाद
यहां पर हमें
शक्ल दिखा रहे हो

भैय्या जी ने
पान की गिलौरी
को गाल में थोडा़
किनारे को खिसकाया

मुँह ऊपर करके
कुछ स्पष्ट कुछ
अस्पष्ट भाषा में
उनको बताया

शैक्षिक भ्रमण
करके आ रहे हैं
बालक बालिकाओं
को देश के कई
इलाके दिखलाके
वापस ला रहे हैं

साहब ने
उत्सुकता
दिखाते हुवे
एक फार्मूला
हवा में उछाला

खूबसूरत महिलाओं
के साथ ने आदमी
की उम्र को कई बार
कई जगह बहुत
कम है कर डाला

आप भी इसीलिये
आज कुछ जवान से
नजर आ रहे हो

चेहरे से भी अपनी
उम्र कुछ कम
आज बता रहे हो

साहब जी
वैसे तो
आप सही
फरमा रहे हो

पर श्रीमती जी हमे
अकेला कभी कहीं
नहीं जाने देती
इसीलिये हमारे
साथ साथ भ्रमण
में गाइड का काम
खुद ही हैं ले लेती

जवान बच्चों का
साथ मेरी उम्र
पच्चीस साल
अगर कम कहीं कराता

बीबी की परछाई
के छूते ही समय
पचास साल आगे
चला है जाता

जवान ऎसे बताइये
मै कहाँ हो पाउंगा
दो चार भ्रमण अगर
साल में हो गये
भगवान को प्यारा
जरूर ही हो जाउंगा।