एक नहीं कई कई होते हैं
अपने ही खुद के चारोंओर होते हैं
सीधे खड़े भी होते हैं
टेढ़े मेढ़े भी नहीं होते हैं
गिरते हुऐ भी नहीं दिखते हैं
उठते हुऐ भी नहीं दिखते हैं
संतुलन के उदाहरण
कहीं भी उनसे बेहतर नहीं होते हैं
कहीं भी उनसे बेहतर नहीं होते हैं
ना कुछ सुन रहे होते हैं
ना कुछ देख रहे होते हैं
ना कुछ कह रहे होते हैं
होते भी हैं या नहीं भी
होते हैं जैसे भी हो रहे होते हैं
रोने वाले कहीं रो रहे होते हैं
हँसने वाले कहीं दूसरी ओर खो रहे होते हैं
अजब माहौल की गजब कहानी
सुनने सुनाने वाले अपनी अपनी कहानियों को
अपने अपने कंधों में खुद ही ढो रहे होते हैं
‘उलूक’
समझ में क्यों नहीं घुस पाती है
एक छोटी सी बात
एक छोटी सी बात
कभी भी तेरे खाली दिमाग में
एक लम्बी रीढ़ की हड्डी पीठ के पीछे से
लटकाने के बावजूद
तेरे जैसे एक नहीं
बहुत सारे आस पास के ही तेरे
बिना रीढ़ के हो रहे होते हैं ।
चित्र साभार: www.123rf.com