उलूक टाइम्स: साठ
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रविवार, 11 दिसंबर 2011

बूढ़े के भाग से छींका टूटा

कल की कहानी 
आज
चौबीस घंटे 
पुरानी हो गयी

पड़ोसन
जो 
कल 
सिर्फ मम्मी थी
आज
नानी हो गयी

अखबार में थे 
कई समाचार
कुछ गंभीर कुछ चटपटे
और
कुछ रसीले मसालेदार 

बावरे मियां
बिना चश्मे के हो रहे थे रंगीले

जो
साठ में
चले जाने 
वाले थे
और
इसीलिये हो 
रहे थे ढीले

कल अचानक
हुवा उन सब में 
उर्जा का संचार

हो ही गयी पैंसठ 
सुन कर
बिस्तरे से उड़
 पड़े सारे बीमार 

नींद में 
जैसे ही पत्नी ने सुनाया
फ्रंट पेज 
का समाचार

आज ऐसे सारे  सैनिक 
लौट के आने लगे लगातार 

छुट्टियां
करवा दी 
सब ने सारी कैंसिल
और
सारे के सारे
बिना घंटी सुने 
कक्षाओं मे जाने लगे
वादन पूरा होने के बाद भी
अब तक 
बाहर निकलने को
नहीं हैं तैयार।

चित्र साभार: 
https://www.gograph.com

बुधवार, 23 नवंबर 2011

रिटायरमेंट

साठ से
हो गयी
पैंसठ
की हवा
फिर से
अचानक
क्या उड़ी
सुनते ही
शर्मा जी
की लाठी
पीछे गली
में जा पड़ी
नाई की
दुकान में
हो गया
बबाल
मेंहदी के
दाम में
देखा गया
अचानक
उछाल
पचास से
जो लोग
छुट्टियों में
थे जाने लगे
आज मेडिकल
सी एल पी एल
सभी को वापिस
मंगवाने लगे
और तो और
कई उम्रदराज
दस से चार
दिखाई दिये
साढ़े चार पर
चपरासी की
विदाई किये
उपर वाले
देख ले
साठ के उपर
पांच पर
जब आ रहा है
इतना ज्वार
पैंसठ छोड़ ना
पूरे सौ बना
फिर देखना
बूढ़े बूढ़े तेरे
से कितना
करने
लगते हैं
प्यार।