बकरे कटने के लिये ही होते हों
या
बकरे हर समय हर जगह कटें ही
जरूरी नहीं है
हर कोई बकरे नहीं काटता है
कुछ लोग जानते हैं
बहुत ही अच्छी तरह
कुछ बकरे
शहर में मिमियाने के लिये
छोड़ने भी जरूरी होते हैं
जरूरी नहीं होता है उन्हें
कुछ खिलाना या पिलाना
कुछ बकरे
खुद अपनी हरी पत्तियाँ खाये हुए
पेट भरे होते हैं
बकरे
शहर में छोड़ना
इस लिये भी जरूरी होता है
ताकि सनद रहे
और
बकरे भी हमेशा
खुद के लिये ही नहीं मिमियाते हैं
बकरे
वो सब बताते हैं जो उन्हें खुद
मालूम नहीं होता है
बकरों को
गलत फहमी होती है
अपने खुलेआम आजादी से घूमने की
अपने खुलेआम आजादी से घूमने की
वजह की जानकारी होने की
अच्छे लोग
बकरों को कभी काटा नहीं करते हैं
बकरे
हमेशा बताते हैं
अच्छे लोगों की अच्छाइयाँ
शहर की गलियों में मिमिया मिमिया कर
देश को भी बहुत ज्यादा जरूरत होती है
ऐसे अच्छे लोगों की
जिनके पास
जिनके पास
बहुत सारे बकरे होते हैं
सारे शहर में मिमिया लेने वाले
बिना हरी घास की चिंता किये हुऐ
‘उलूक’
कब से पेड़ पर बैठा बैठा
गिनती भूलने लगा है
अच्छे लोगों और उनके
उनके लिये मिमियाते
बकरों को गिनते गिनते ।
चित्र साभार: www.speakaboos.com