शब्द मीठे होते हैं
कानों से होते हुवे
दिल में उतरते है
शहद घोल घोल के
शब्द ही खंजर से
तीखे भी हो जाते हैं
ले आते हैं
ज्वार और भाटे
सभी के पास ही
तो रखे होते हैं
अपने अपने शब्द
हर कोई ढाल
नहीं पाता है
सांचों में अपने
शब्दों को हमेशा
कोई उस्ताद होता है
दूसरों के शब्दों से
अपने को बचाने में
बना लेता है एक
ढाल शब्दों की
एक ही शब्द
देता हैं जिंदगी
किसी को
वही सिखाता है
बंदगी किसी को
किसी के लिये
हो सकता है
कमाल एक शब्द
कोई बना ले जाता
है जाल एक शब्द
तूफान भी अगर
लाता है एक शब्द
तो मलहम भी तो
लगाता है कभी
एक शब्द ।
कानों से होते हुवे
दिल में उतरते है
शहद घोल घोल के
शब्द ही खंजर से
तीखे भी हो जाते हैं
ले आते हैं
ज्वार और भाटे
सभी के पास ही
तो रखे होते हैं
अपने अपने शब्द
हर कोई ढाल
नहीं पाता है
सांचों में अपने
शब्दों को हमेशा
कोई उस्ताद होता है
दूसरों के शब्दों से
अपने को बचाने में
बना लेता है एक
ढाल शब्दों की
एक ही शब्द
देता हैं जिंदगी
किसी को
वही सिखाता है
बंदगी किसी को
किसी के लिये
हो सकता है
कमाल एक शब्द
कोई बना ले जाता
है जाल एक शब्द
तूफान भी अगर
लाता है एक शब्द
तो मलहम भी तो
लगाता है कभी
एक शब्द ।