उलूक टाइम्स

शुक्रवार, 22 जून 2012

कर नया कुछ

चलिये
आज कुछ

मूड बदल
दिया जाये


कुछ
रूमानी
बातों में

दिल को अपने

जबरदस्ती  
धकेल
लिया जाये


कहाँ से
करें शुरू
कि

मजा ही मजा
हो जाये


पिताजी
आज बिजली

वाला आया था

पुराने
बहुत से बिल

जमा नहीं हुवे हैं
समझाने आया था

छोड़िये भी
रहने दीजिये
इधर से भी
ध्यान हटाते हैं

बारिश
नहीं हो रही है

बहुत समय से
लोग बताते हैं

कुछ
बादलों की

सोच कर
सपनों में ही सही
नमी ले आते हैं

सुनते हो जी
गैस का सिलिण्डर
वापिस आ गया है

मेट को
गाड़ी वाले ने

वापिस लौटा दिया है

कल से स्टोव में

खाना बनाइयेगा

आज
अभी जा के

कैरोसिन
पाँच लीटर

जरा बाजार से
ब्लैक में ले आइयेगा


उफ
एक कोशिश
अंतिम कोशिश

क्या पता
मूड बन ही जाये

अंधे
के हाथ में
कानी बटेर
कहीं
से आ जाये

इंद्रधनुष
देखे सोचे हुवे

एक अर्सा बीत गया

रंगों को
सब काला सफेद

मौका मिलते ही
हर कोई कर गया

चलो
घर पर ही

उसे बना लिया जाये

बल्ब की
तेज रोशनी करके

पानी की फुहारों को
हवा में उडा़या जाये

आम
जनता को

सूचित किया जाता है

बिजली
कटौती से

चूंकि पम्प नहीं
चल पाता है

अगले
दो दिन पानी

नहीं आ पायेगा

जिसे प्यास
लग ही गयी

बिसलेरी बाजार से
अपने लिये खरीद
के ले आयेगा

रहने भी
दीजिये


किसी
और दिन अब

खुश रहने
का जुगाड़

कर लिया जायेगा

आज भी
कटे फटे

मुद्दों पर ही ध्यान
लगाया जायेगा

पढ़ने
वाले भी

इसी के आदी
हो चुके हैं

खाली
कहीं नई

रंगीन बात
छपी
देख
कर यहां


किसी को
तेज
बुखार
आ जायेगा ।