अपने
सपनों को
हकीकत
में नहीं
अगर
बदल पाओ
दिमाग
है ना
उसे काम
में लाओ
अपने
सपनों के
शेयर बनाओ
कुछ
अपने जैसे
सपने देखने
वालों के
सपनों के
साथ मिलाओ
कम्पनी
एक खड़ी
कर बाजार
में ले आओ
कम्पनी
के सपनों
की ये बात
किसी को
भूल कर भी
मत बताओ
ऎसा
मुद्दा एक
इसके
बाद उठाओ
जिसको
लेकर लोगों
के सपनों को
उकसा पाओ
पार्टी शार्टी
जात पात
भेद भाव
ऊँच नीच
की सोच पर
कुछ दिन
के लिये
विराम लगाओ
मनमोहन
के हो तो
आडवानी जी
वाले के साथ
कुछ दिन बिताओ
माया दीदी
से प्रेम
रखने वाले
मुलायम वाले
की साईकिल
पर बैठे
दिख जाओ
धार्मिक
आस्था भी
कुछ दिन
के लिये
भूल जाओ
एक
दूसरे में
हिल मिल
जाओ
देखने
वाले लोग
पागल हो जायें
कुछ कुछ
ऎसा माहौल
दो चार ही महीनो
के लिये बनाओ
कुछ दिन
मीटिंग सीटिंग
करते हुऎ
नजर आओ
पोस्टर
वोस्टर थोडे़
शहर में
लगवाओ
अखबार
में कुछ
समाचार
छपवाओ
इन सब
के बीच
काम हो गया
पता चलते ही
गोल हो जाओ
नजर
मत आओ
कम्पनी की टोपी
किसी दूसरे के
सर पर रख जाओ
सन्यासी
हो गये हैं
वो तो कब के
जैसी खबर
तुरंत फैलाओ
जाओ
अब यहाँ
क्या बचा है
किसी और के
सपनो में अपना
सिर मत खपाओ ।
सपनों को
हकीकत
में नहीं
अगर
बदल पाओ
दिमाग
है ना
उसे काम
में लाओ
अपने
सपनों के
शेयर बनाओ
कुछ
अपने जैसे
सपने देखने
वालों के
सपनों के
साथ मिलाओ
कम्पनी
एक खड़ी
कर बाजार
में ले आओ
कम्पनी
के सपनों
की ये बात
किसी को
भूल कर भी
मत बताओ
ऎसा
मुद्दा एक
इसके
बाद उठाओ
जिसको
लेकर लोगों
के सपनों को
उकसा पाओ
पार्टी शार्टी
जात पात
भेद भाव
ऊँच नीच
की सोच पर
कुछ दिन
के लिये
विराम लगाओ
मनमोहन
के हो तो
आडवानी जी
वाले के साथ
कुछ दिन बिताओ
माया दीदी
से प्रेम
रखने वाले
मुलायम वाले
की साईकिल
पर बैठे
दिख जाओ
धार्मिक
आस्था भी
कुछ दिन
के लिये
भूल जाओ
एक
दूसरे में
हिल मिल
जाओ
देखने
वाले लोग
पागल हो जायें
कुछ कुछ
ऎसा माहौल
दो चार ही महीनो
के लिये बनाओ
कुछ दिन
मीटिंग सीटिंग
करते हुऎ
नजर आओ
पोस्टर
वोस्टर थोडे़
शहर में
लगवाओ
अखबार
में कुछ
समाचार
छपवाओ
इन सब
के बीच
काम हो गया
पता चलते ही
गोल हो जाओ
नजर
मत आओ
कम्पनी की टोपी
किसी दूसरे के
सर पर रख जाओ
सन्यासी
हो गये हैं
वो तो कब के
जैसी खबर
तुरंत फैलाओ
जाओ
अब यहाँ
क्या बचा है
किसी और के
सपनो में अपना
सिर मत खपाओ ।