उलूक टाइम्स

शनिवार, 14 सितंबर 2013

हिंदी दिवस तो हो गया

हिंदी दिवस ही तो था
हो गया
कुछ को पता था
कुछ और को भी चलो
आज इसी बहाने से
और पता हो गया

हिंदी के अखबार में
छोटा सा समाचार 
हिंदी दिवस पर
दिखा कहीं कोने पर एक
वो भी पढ़ते पढ़ते पता ही नहीं चला
कंहा गया और कहां खो गया

अब किसी सँत वैलेंटाईन का
आदेश तो था नहीं
जो कह ले जाते
मनाना बहुत ही जरूरी हो गया

चकाचौंध कभी थी नहीं
वैसे भी हिंदी भाषा में
सीधी सादी एक हीरोईन को
छोटे 
कपड़ों में आना लगता है अब
बहुत ही जरूरी सा कुछ हो गया

सबसे सुन्दर और अलंकृत
मातृभाषा की सुन्दरता को
उसके अपनो को ही
दिखाने के लिये
एक नजदीक का चश्मा
पहनाना
लगता है अब
बहुत ही जरूरी हो गया

ज्यादा
क्या लिखना
हिंदी जैसे विषय पर
घर की मुर्गी का स्वाद
एक बार फिर से
जब 
मूंग की दाल के बराबर
हो गया ।

चित्र साभार: 
https://www.vecteezy.com/