हिंदी दिवस ही तो था
हो गया
हो गया
कुछ को पता था
कुछ और को भी चलो
आज इसी बहाने से
और पता हो गया
आज इसी बहाने से
और पता हो गया
हिंदी के अखबार में
छोटा सा समाचार हिंदी दिवस पर
दिखा कहीं कोने पर एक
वो भी पढ़ते पढ़ते पता ही नहीं चला
कंहा गया और कहां खो गया
अब किसी सँत वैलेंटाईन का
आदेश तो था नहीं
जो कह ले जाते
मनाना बहुत ही जरूरी हो गया
चकाचौंध कभी थी नहीं
वैसे भी हिंदी भाषा में
सीधी सादी एक हीरोईन को
छोटे कपड़ों में आना लगता है अब
छोटे कपड़ों में आना लगता है अब
बहुत ही जरूरी सा कुछ हो गया
सबसे सुन्दर और अलंकृत
मातृभाषा की सुन्दरता को
उसके अपनो को ही
दिखाने के लिये
दिखाने के लिये
एक नजदीक का चश्मा
पहनाना
पहनाना
लगता है अब
बहुत ही जरूरी हो गया
बहुत ही जरूरी हो गया
ज्यादा
क्या लिखना
हिंदी जैसे विषय पर
घर की मुर्गी का स्वाद
एक बार फिर से
जब
मूंग की दाल के बराबर
हो गया ।
चित्र साभार: https://www.vecteezy.com/
एक बार फिर से
जब
मूंग की दाल के बराबर
हो गया ।
चित्र साभार: https://www.vecteezy.com/
आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज के ब्लॉग बुलेटिन - हिंदी को प्रणाम पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस के शुभ मौके पर हिंदी को एक ओर उपहार ---हिंदी तकनीकी दुनिया का शुभारंभ... कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें |
हटाएंहै जिसने हमको जन्म दिया,हम आज उसे क्या कहते है ,
जवाब देंहटाएंक्या यही हमारा राष्र्ट वाद ,जिसका पथ दर्शन करते है
हे राष्ट्र स्वामिनी निराश्रिता,परिभाषा इसकी मत बदलो
हिन्दी है भारत माँ की भाषा ,हिंदी को हिंदी रहने दो .....
बेहतरीन प्रस्तुति के लिए ! बधाई सुसील जी
RECENT POST : बिखरे स्वर.
हिंदी दिवस के शुभ मौके पर हिंदी को एक ओर उपहार ---हिंदी तकनीकी दुनिया का शुभारंभ... कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें |
हटाएंहिंदी दिवस के शुभ मौके पर हिंदी को एक ओर उपहार ---हिंदी तकनीकी दुनिया का शुभारंभ... कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें |
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस की शुभकामनाएं...
हिंदी दिवस पर बहुत बडिया व्यंग।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द सोमवार 14 सितंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंहिंदी भाषा की समसामयिक स्थिति पर करारा व्यंग्य सादर
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक और भावप्रवण रचना आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंमार्मिक सत्य, हिन्दी दिवस पर शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंहिंदी-दिवस हमको बहुत याद आता है. अल्मोड़ा में हिंदी-दिवस पर ही क्या, पूरे हिंदी पखवाड़े में कभी हम हिन्दी की महत्ता पर भाषण देते थे, कभी उस पर कविताएँ करते थे.
जवाब देंहटाएंअब उलूक हिंदी-दिवस पर हिंदी में हिंदी पर भाषण फोड़े !