जब भी
शुरु किया
जाता है
सोचना
कुछ
लिखने
के लिये
सोच बन्द
हो जाती है
कुछ लिखा
ही नहीं जाता है
आँख कान नाक
बन्द किये हुऐ
गाँधी के
बन्दरों का चेहरा
सामने से चिढ़ाता
हुआ नजर आता है
दुकान खोलने
के बाद कुछ
बिके ना बिके
बेचने की
कोशिश करना
दुकानदार की
मजबूरी हो जाता है
ग्राहक
इस बाजार में
वैसे भी बहुत
कम होते हैं
सोच खरीदने
बेचने वाले कुछ
दुकानदारों को
तरस आ जाता है
बहुत कुछ
हुआ होता है
बड़ा और
बहुत बड़ा
लिखने की
सोचते उसी
बड़े पर
किस्मत खराब
के सामने से
ही घर के
बड़े उस हुऐ का
छोटा भाई
दिखाई खड़ा
दे जाता है
बाद में
लिखना चाहिये
सोच कर
लिखने वाला
लिखना छोड़ कर
सड़क पर
निकल चला
जाता है
हर तीसरा
दिखता है
बड़े की सोच
के समर्थन
का झंडा
उठाये हुऐ
पर पता नहीं
क्यों इस बार
चुपचाप
मूँगफली छीलते
छिक्कल खाते हुऐ
दाने सड़क पर
फेंकता हुआ
पाया जाता है
साँप सूँघना
साँपों का
किसी ने सुना
हो या ना सुना हो
अपने पाले
साँप को
सजाये जिंदगी
हो जाने से
पिता ही नहीं
पूरे कुनबे का
गला सूख
जाता है
उनसे कुछ
नहीं कहा
जाता है
साँप को हो
जाती है सजा
‘उलूक’
नोचता है
बाल अपने
ही सर के
पिता साँप का
जब तुरन्त ही
साँप के सँपोले
को पालने की
जुगत लगाना
शुरु हो जाता है ।
चित्र साभार: Republic World
शुरु किया
जाता है
सोचना
कुछ
लिखने
के लिये
सोच बन्द
हो जाती है
कुछ लिखा
ही नहीं जाता है
आँख कान नाक
बन्द किये हुऐ
गाँधी के
बन्दरों का चेहरा
सामने से चिढ़ाता
हुआ नजर आता है
दुकान खोलने
के बाद कुछ
बिके ना बिके
बेचने की
कोशिश करना
दुकानदार की
मजबूरी हो जाता है
ग्राहक
इस बाजार में
वैसे भी बहुत
कम होते हैं
सोच खरीदने
बेचने वाले कुछ
दुकानदारों को
तरस आ जाता है
बहुत कुछ
हुआ होता है
बड़ा और
बहुत बड़ा
लिखने की
सोचते उसी
बड़े पर
किस्मत खराब
के सामने से
ही घर के
बड़े उस हुऐ का
छोटा भाई
दिखाई खड़ा
दे जाता है
बाद में
लिखना चाहिये
सोच कर
लिखने वाला
लिखना छोड़ कर
सड़क पर
निकल चला
जाता है
हर तीसरा
दिखता है
बड़े की सोच
के समर्थन
का झंडा
उठाये हुऐ
पर पता नहीं
क्यों इस बार
चुपचाप
मूँगफली छीलते
छिक्कल खाते हुऐ
दाने सड़क पर
फेंकता हुआ
पाया जाता है
साँप सूँघना
साँपों का
किसी ने सुना
हो या ना सुना हो
अपने पाले
साँप को
सजाये जिंदगी
हो जाने से
पिता ही नहीं
पूरे कुनबे का
गला सूख
जाता है
उनसे कुछ
नहीं कहा
जाता है
साँप को हो
जाती है सजा
‘उलूक’
नोचता है
बाल अपने
ही सर के
पिता साँप का
जब तुरन्त ही
साँप के सँपोले
को पालने की
जुगत लगाना
शुरु हो जाता है ।
चित्र साभार: Republic World