उलूक टाइम्स

रविवार, 9 सितंबर 2018

कबूतर का जोड़ा कबूतर पकड़ना कबूतर उड़ाना सिखाने को फिर से सुना है नजर आना शुरु हो जायेगा

चल
फिर से ढूँढें
नयी
कुछ किताबें

पढ़ना पढ़ाना
लिखना लिखाना
पुराना हो चुका

सुना है
आगे से अब
नहीं काम आयेगा

किसका लिखा है
कब का लिखा है
किसका पढ़ाया है
किसने पढ़ा है

लिखकर बताना
बस कुछ ही दिनों में
जरूरी हो जायेगा

लिखने
लिखाने की
पढ़ने पढ़ाने की

सीखने
सिखाने की
दुकानों के
इश्तिहारों में

फिर से
जोड़ा एक
कबूतर का
साथ नजर आयेगा

लड़ने लड़ाने को
भिड़ने भिड़ाने को
जीतने हराने को

सारे के सारे
सोये कबूतरों को

कबूतर
पकड़ने वाले
जाबाँज बाज बनायेगा

लिखते लिखाते
पढ़ते पढ़ाते
किसी एक दिन

‘उलूक’
भी
संगत में
कबूतरों की

कबूतरबाजी
थोड़ा बहुत तो
सीख ही ले जायेगा


स्याही एक रंगीन
एक झंडे के रंग की
रंगीन एक कलम में

सालों से भरना
कभी ना कभी
किसी का किसी के
तो जरूर काम आयेगा।

चित्र साभार: http://joyreactor.cc