उलूक टाइम्स

बुधवार, 21 जुलाई 2021

रोके गये अन्दर कहीं खुद के छिपाये हुऐ सारे बे‌ईमान लिख दें

 



रुकें थोड़ी देर
भागती जिंदगी के पर थाम कर
थोड़ी सी सुबह थोड़ी शाम लिख दें

कोशिश करें
कुछ दोपहरी कुछ अंधेरे में सिमटते
रात के पहर के पैगाम लिख दें

फिर से शुरु करें
सीखना बाराहखड़ी
ठहर कर थोड़ा कुछ किताबों के नाम लिख दें

रोकें नहीं
सैलाब आने दें
इससे पहले मिटें धूल में लिखे सारे सुर्ख नाम
चलो खुद को खुलेआम बदनाम लिख दें

छान कर
लिख लिया कुछ कुछ कभी कुछ कभी
कभी बेधड़क होकर अपने सारे किये कत्लेआम लिख दें

किसलिये झाँके
सुन्दर लिखे के पीछे से एक वीभत्स चेहरा
आईने लिखना छोड़ दें
पर्दे गिरा सारा सभीकुछ सरेआम लिख दें 

उनको
लिखने दें ‘उलूक’
सलीके से अपने सलीके
 खुल कर बदतमीजियां अपनी
बैखोफ होकर अपने हमाम लिख दें ।

चित्र साभार: https://www.clipartmax.com/