उलूक टाइम्स

शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

बस चिंगारी से आग और आग से राख बनाने की बात करनी है


चिंगारियाँ उठने की बात आग़ लगने की बात बातों बातों में ही करनी है
इससे भी पूछना है उससे भी पूछना है
आग से भी पूछ कर कुछ सुलगने सुलगाने की बात करनी है

जलाना कितना भी है जलाना कुछ भी है बस जलाने की बात करनी है
आग लगनी है ना लगानी है बस आग दिखने और दिखाने की बात करनी है

धुँआ दिखना नहीं है राख बचनी नहीं है दिल को जलना नहीं है
तूफान आने की बात करनी है

कत्ल होना नहीं है खून बहना नहीं है क्राँतिकारियों की बात करनी है 
बहुत हो चुकी इंसानों की बातें पामेरियन ऐप्सो एल्शेशियन की बात करनी है

बहुत बेच दिये आदमी ने आदमी
अब लाशें दफनानी हैं  मूर्तियाँ लगवानी हैं कमीशन बनाने की बात करनी है

आग होती भी है आग लगती भी है मत करो जुल्म उसपर बड़ा
उसे भी कभी थोड़ा सा कुछ सोने जाने की बात करनी है 

सालों हो गये तुझको बातें बनाते ‘उलूक’ सबको पता है
तुझे तो बस दिया सलाई की बात करनी है


चित्र साभार: www.dreamstime.com