क्रमंचय
संचय
कितने
लोग
जानते हैं
कितने
समझ
ले
जाते हैं
क्रमंचय
संचय
उच्च
गणित
में प्रयोग
किया
जाता है
गणित
विषय
पढ़ने
और
समझने
वाला भी
दिमाग में
जोर
लगाता है
जब
क्रमंचय
संचय के
सवालों को
हल करने
पर आता है
किताबों
को छोड़
दिया जाये
अपने
आसपास
के लोग
और
समाज को
देखा जाये
नहीं सुने
होते हैं
ना ही
पढ़े होते हैं
क्रमंचय
संचय
पर
कलाकारी
देखिये
आँखें बड़ी
कर ले
जाते हैं
काणे भी
देखना
शुरु हो
जाते हैं
सवाल हल
करने की
जरूरत ही
नहीं पड़ती है
जवाब हाथ में
लेकर खड़े
हो जाते हैं
काम
निकलवाना
ज्यादा
महत्वपूर्ण
होता है
सबको पता
होता है
निकालने
के तरीके
के लिये
सोचने
के लिये
कहाँ तक
जाना है
कौन कब
सोच पाते हैं
जात पात
अमीर गरीब
ऊँच नीच
मिलाकर
जो लोग
घोल बना कर
लोगों को
पिलाना शुरु
हो जाते हैं
नशा होता है
गजब का
होता है
पीने वाले
अपना पराया
भूल जाते हैं
चल पड़ते हैं
लामबन्द
होकर
किसी भी
सियार के लिये
शेर बना कर
उसे जंगल से
बाहर छोड़
कर भी आते हैं
क्रमंचय संचय
नहीं पढ़ते हैं
क्रमंचय संचय
नहीं समझते हैं
काम करते हैं
अवसरवादियों
के लिये
क्रमंचय संचय
के एक सवाल
का असल हल
पेश करते हैं
अवसर वाद
सारे वादों के
ऊपर का
वाद होता है
‘उलूक’
तेरे जैसे
कई होते हैं
अवसर
मिलता है
और
दूसरों को
देख हमेशा
आँख मलते हैं
क्रमंचय
संचय
करते हैं
देखते हैं
सारी दुनियाँ
को प्रयोग
करते हुए
क्रमंचय
संचय
वो लोग जो
कभी भी
गणित नहीं
पढ़ते हैं ।
चित्र साभार: Pinterest
संचय
कितने
लोग
जानते हैं
कितने
समझ
ले
जाते हैं
क्रमंचय
संचय
उच्च
गणित
में प्रयोग
किया
जाता है
गणित
विषय
पढ़ने
और
समझने
वाला भी
दिमाग में
जोर
लगाता है
जब
क्रमंचय
संचय के
सवालों को
हल करने
पर आता है
किताबों
को छोड़
दिया जाये
अपने
आसपास
के लोग
और
समाज को
देखा जाये
नहीं सुने
होते हैं
ना ही
पढ़े होते हैं
क्रमंचय
संचय
पर
कलाकारी
देखिये
आँखें बड़ी
कर ले
जाते हैं
काणे भी
देखना
शुरु हो
जाते हैं
सवाल हल
करने की
जरूरत ही
नहीं पड़ती है
जवाब हाथ में
लेकर खड़े
हो जाते हैं
काम
निकलवाना
ज्यादा
महत्वपूर्ण
होता है
सबको पता
होता है
निकालने
के तरीके
के लिये
सोचने
के लिये
कहाँ तक
जाना है
कौन कब
सोच पाते हैं
जात पात
अमीर गरीब
ऊँच नीच
मिलाकर
जो लोग
घोल बना कर
लोगों को
पिलाना शुरु
हो जाते हैं
नशा होता है
गजब का
होता है
पीने वाले
अपना पराया
भूल जाते हैं
चल पड़ते हैं
लामबन्द
होकर
किसी भी
सियार के लिये
शेर बना कर
उसे जंगल से
बाहर छोड़
कर भी आते हैं
क्रमंचय संचय
नहीं पढ़ते हैं
क्रमंचय संचय
नहीं समझते हैं
काम करते हैं
अवसरवादियों
के लिये
क्रमंचय संचय
के एक सवाल
का असल हल
पेश करते हैं
अवसर वाद
सारे वादों के
ऊपर का
वाद होता है
‘उलूक’
तेरे जैसे
कई होते हैं
अवसर
मिलता है
और
दूसरों को
देख हमेशा
आँख मलते हैं
क्रमंचय
संचय
करते हैं
देखते हैं
सारी दुनियाँ
को प्रयोग
करते हुए
क्रमंचय
संचय
वो लोग जो
कभी भी
गणित नहीं
पढ़ते हैं ।
चित्र साभार: Pinterest
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