कितना भी
कोशिश करें हम
शराफत पोतने की
कोशिश करें हम
शराफत पोतने की
दिख जाता है कहीं से भी
फटा हुआ
किसी छेद से झाँकता हुआ हमारा नजरिया
हम
कब गिरोह हो लेते हैं
कब गिरोह हो लेते हैं
हमें
पता कहाँ चलता है
पता कहाँ चलता है
हम कहा है
उसमें हो सकता है
तुम नहीं आते होगे
बुरा मत मानियेगा
हम कहा है
हमारी ओर
धनुष मत तानियेगा
हम कहने का मतलब
मैं और मेरे जैसे कुछ लोग होते हैं
जो सफेद नहीं होते हैं
सफेद पोश होते हैं
कई दिनों तक
कुछ भी नहीं लिखना
अजीब बात होती है
बकवास
करने वाले के लिये
दिन भी रात होती है
पता कहाँ चलता है
लिखने लिखाने का नशा
कब और कहां उतर जाता है
एक पैग़ का
एक पन्ना होता होगा
दूसरा पैग
हाथ में आने से पहले
हवा के साथ ही पलट जाता है
किससे कहे कोई
लिखने लिखाने में
किस सोच में डूबे हो तुम
महीना गुजर जाता है
कुछ नहीं पर
कुछ भी नहीं
लिख पाने का
गम होना
शुरू हो जाता है
शुरू हो जाता है
कुछ गिनी चुनीं टिप्पणियाँ
गिनती की जाती हैं
आने जाने वालों का
हिसाब भी समझ में आता है
लिखना लिखाना
कविता कहानियाँ
शेरो शायरियोँ
से गिना जाना शुरु हो लेता है
बकवास करने वालों को
गुस्सा आना
जायज नजर आता है
किसलिये मिलाना है
कविता और
कवि की दुनियाँ को
पागलों की दुनियाँ से
हर एक आदमी
बस एक आदमी है
पागल ‘उलूक’
रात के अंधेरे में
अपनी बंद आँख से
पता नहीं क्या देखना
क्या गिनना चाहता है?
चित्र साभार: https://www.pinterest.es/
कितना भी
जवाब देंहटाएंकोशिश करें हम
शराफत पोतने की
दिख जाता है कहीं से भी
फटा हुआ
किसी छेद से झाँकता हुआ हमारा नजरिया
हम
कब गिरोह हो लेते हैं
हमें
पता कहाँ चलता है
एक दम सटीक.....
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०३-०४-२०२१) को ' खून में है गिरोह हो जाना ' (चर्चा अंक-४०२५) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी
बेहतरीन। शानदार👌🌻
जवाब देंहटाएंदिख जाता है कहीं से भी
जवाब देंहटाएंफटा हुआ
किसी छेद से झाँकता हुआ हमारा नजरिया
अच्छा कटाक्ष ...
वाह-वाह।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्रण।
किसलिये मिलाना है
जवाब देंहटाएंकविता और
कवि की दुनियाँ को
पागलों की दुनियाँ से...सुन्दर लेखन
मेरी रचनायें पढ़ें- kathputli
सुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंसमझ गया हूं मैं - आपकी बात भी, जज़्बात भी, खयालात भी ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर सराहनीय व्यंग्य । हृदय से बधाई
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत बढ़िया ।
जवाब देंहटाएंकब कौन सा गिरोह अपनी गिरह में फांस लेता है पता ही नहीं चलता
जवाब देंहटाएंहमेशा कि तरह शानदार सटीक व्यंग्य पर कोई टीस भी है।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा।
चाँद टुकड़ा है आसमां टुकड़ा, दिल की हर बात है यहाँ टुकड़ा, यह पंक्ति याद आ गई आपकी रचना पढ़कर
जवाब देंहटाएंसफ़ेद और सफ़ेदपोश की बड़ी ही सटीक व्याख्या की है... उलूक भले अंधेरे में निकलता हो, लेकिन उसकी निगाह से कहाँ कुछ छिपा है! पैनी धार सुशील सर!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंये बात बिल्कुल पते की कही कि
जवाब देंहटाएंएक पैग़ का
एक पन्ना होता होगा
दूसरा पैग
हाथ में आने से पहले
हवा के साथ ही पलट जाता है😀😀😀
apne bahut acche acche Shayari likhte ho... thanx..bro...
जवाब देंहटाएंसरल शब्दों में सटीक और गहरी बात. बहुत बढ़िया कटाक्ष. बधाई.
जवाब देंहटाएंNice. Thanks for your valuable article. swachh bharat abhiyan essay in hindi
जवाब देंहटाएंNice. Thanks for your valuable article. Technical Bagle
जवाब देंहटाएंAM PM Full Form in Hindi
आपकी व्यञ्जना शक्ति कमाल की है -कुछ शब्दों में बहुत कुछ उजागर कर देने की.
जवाब देंहटाएंLudo King Hack Apk
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कमाल की रचना
जवाब देंहटाएंगहरी बात कह देते हैं आप
बड़ी सहजता से
सादर
...बिलकुल सटीक कटाक्ष किया है आपने जोशी जी,शानदार रचना के लिए बधाई ।
जवाब देंहटाएंकितना भी
जवाब देंहटाएंकोशिश करें हम
शराफत पोतने की
दिख जाता है कहीं से भी
फटा हुआ
किसी छेद से झाँकता हुआ हमारा नजरिया
Status
बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंयही मना रही थी कि आप शीघ्र स्वस्थ हो जाएँ,आज देख कर अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंNice Post :-👉 Insta Bio For Girls Attitude
जवाब देंहटाएंबेहतरीन...
जवाब देंहटाएंसभी पोस्ट अद्भुत हैं। आपने एक बहुत ही जानकारीपूर्ण लेख साझा किया है, यह मुझे बहुत मदद करेगा, मुझे उम्मीद नहीं है कि हमें विश्वास है कि आप भविष्य में इसी तरह की पोस्ट रखेंगे। उपयोगी पोस्ट के लिए बहुत बहुत धन्यवाद और इसे बनाए रखें। आप किसी भी प्रकार के उपवास त्यौहार, कथा, महापुरुषों की जयंती और जन्मदिन, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनेताओं, अभिनेताओं, क्रिकेटरों आदि के बारे में मेरे ब्लॉग से हिंदी में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विश्व थैलेसीमिया दिवस
जवाब देंहटाएंदिख जाता है कहीं से भी
जवाब देंहटाएंफटा हुआ
किसी छेद से झाँकता हुआ हमारा नजरिया
एकदम सटीक...
लाजवाब व्यंग....
वाह!!!