पता
कहाँ चल पाता है
कब
एक आदमी
एक गिरोह हो जाता है
लोग
पूछते फिरते हैं
पता उस एक आदमी का
वो
कहीं नहीं मिल पाता है
गिरोह होना
बुरी बात नहीं होती है
सब जानते हैं
काम गिरोह ही आता है
सरदार कौन है
इस से क्या फर्क पड़ता है
काम हो जाना
महत्वपूर्ण माना जाता है
घर से लेकर
मोहल्ले
मोहल्ले से शहर
शहर से जिले
जिले से राज्य
राज्य से
देश में पाया जाता है
छोटे से गिरोह का एक गिरोहबाज ही
देश सम्भालने की ताकत रखता है
यही सत्य होता है माना जाता है
लगता है
कि
गिरोह में नहीं शामिल है
ना ही गिरोह से कोई
कहीं ढेले भर का नाता है
सरदार को
पता होता है सबकुछ
खबर अखबार में जब वो छपवाता है
नाम
सबसे पहले दे कर आता है
उलूक
देखता रहता है गिरोह गिरोहबाज
मानकर
उसे क्या करना
वो तो बस यहां बकने आता है
फैलाते चलते हैं गिरोहबाज
खबर
उलूक के लिये भी
भ्रष्ट है पीता है
और
बहुत कुछ खाता है
चित्र साभार: https://www.subpng.com/
वाह! सर बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंPlease Read Hindi Stoay and Other Important Information in Our Hindi Blog Link are -> Hindi Story
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर, सर
जवाब देंहटाएंछोटे से गिरोह का एक गिरोहबाज ही
जवाब देंहटाएंदेश सम्भालने की ताकत रखता है
यही सत्य होता है माना जाता है
एक आदमी अनेकों के साथ मिलकर बनाता है गिरोह...
गिरोह का एक सदस्य चलाता है देश
बहुत सटीक...
लाजवाब
वाह!!!
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(२१-१०-२०२१) को
'गिलहरी का पुल'(चर्चा अंक-४२२४) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंसत्य आ0
जवाब देंहटाएंअति उत्तम
सटीक
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार २२ अक्टूबर २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
सटीक विश्लेषण सटीक यथार्थ भरा व्यंग्य।
जवाब देंहटाएंसार्थक।
बहुत सुंदर रचना गुरुदेव यथार्थ भरा व्यंगात्मक रचना
जवाब देंहटाएंजी, गुट बाजी की लत लग गई दूनिया को। बेहतरीन प्रस्तुति सुशील जी।
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