मन होता ही है
कुछ लिखा जाये कभी
जैसा लेखक साहित्यकार बुद्धिजीवी विद्वान लिख ले जाते हैं
कतार दर कतार
कुछ लिखा जाये कभी
जैसा लेखक साहित्यकार बुद्धिजीवी विद्वान लिख ले जाते हैं
कतार दर कतार
नकल करने के चक्कर में लेकिन
निकल जाती है हवा कलम की
उड़ जाता है कागज
रह जाते हैं शब्दों के ऊपर चढ़े शब्द
एक के ऊपर कई कई हजार
शब्दकोष कर रहा हो जैसे उदघोष
मूँगफली बेचने वाले की आवाज की नकल
और एक के साथ ले लो
दो नहीं जितने चाहो मुफ्त में शब्द
खरीदने बेचने के लिये नहीं
बिखेरने के लिये इधर भी और उधर भी
दे रही है छूट जैसे बिजली पानी और मिट्टी के तेल के लिये
सबसे मजबूत सदी की एक सरकार
गिरगिट आते हैं याद और याद आते हैं रंग साथ में
कला और कलाकारी है वो भी तो बहुत गहरी
समझाते ही हैं प्रहरी समाज के
खबरों में चरचाओं में
जब भी होती है बहस हर बार
‘उलूक’ लगा रह घसीटने में शब्दों को अपनी सोच के तार पर बेतार
कभी तो लगेगी लाटरी तेरी भी
मान लिया जायेगा बकवास को लेखन और तुझे लेखक
मिलेंगी टिप्पणियाँ भी
लेखकों की साहित्यकारों की
बुद्धिजीवियों की भी और विद्वानो की भी हर बार।
चित्र साभार: https://learnodo-newtonic.com/
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (01 -11-2021 ) को 'कभी तो लगेगी लाटरी तेरी भी' ( चर्चा अंक 4234 ) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
मन होता ही है
जवाब देंहटाएंकुछ लिखा जाये कभी
जैसा लेखक साहित्यकार बुद्धिजीवी विद्वान लिख ले जाते हैं
कतार दर कतार,,,, बहुत शानदार,
शानदार मन की अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंवाह वाह वाह.... क्या कहने....
जवाब देंहटाएंव्यंग्य में भी हकीकत के दर्शन हो रहे हैं!
लाजवाब
जवाब देंहटाएंBahot Acha Jankari Mila Post Se . Ncert Solutions Hindi or
जवाब देंहटाएंAaroh Book Summary ki Subh Kamnaye
सटीक संदर्भ,शानदार रचना ।
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह शानदार उलूक दर्शन सुशील जी। नकल करते-करते बहुत अक्लमंद अस्तित्व में आए इतिहास साक्षी है। शुरुआत तो नकल से की थी पर बाद में शब्दों के धुरंधर हो गए। लगन हो तो क्या नहीं हो सकता!!
जवाब देंहटाएंदीप पर्व पर आप को सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। ज्योति पर्व आपके लिए शुभता और खुशियां लेकर सीसीआए यही कामना करती हूं 🙏🙏🌷💐💐🌷
जवाब देंहटाएंआपके लेखन को बकवास कहना वाणी का अनादर है
जवाब देंहटाएंमैं पाठक निःशब्द रह जाती हूँ
हमेशा की तरह शानदार उलूक दर्शन सुशील जी। नकल करते-करते बहुत अक्लमंद अस्तित्व में आए इतिहास साक्षी है। शुरुआत तो नकल से की थी पर बाद में शब्दों के धुरंधर हो गए। लगन हो तो क्या नहीं हो सकता!!
जवाब देंहटाएंFriends StudyRoot is a Type of Study Webportal. In which all types of Hindi Material related to study are available. You can get this material very easily with just one click. That too absolutely free, once visit our website Study Root !
Thank you
हमेशा की तरह शानदार उलूक दर्शन सुशील जी। नकल करते-करते बहुत अक्लमंद अस्तित्व में आए इतिहास साक्षी है। शुरुआत तो नकल से की थी पर बाद में शब्दों के धुरंधर हो गए। लगन हो तो क्या नहीं हो सकता!!
जवाब देंहटाएंAyur Mart !
Thanks.
हमेशा की तरह शानदार उलूक दर्शन सुशील जी। नकल करते-करते बहुत अक्लमंद अस्तित्व में आए इतिहास साक्षी है। शुरुआत तो नकल से की थी पर बाद में शब्दों के धुरंधर हो गए। लगन हो तो क्या नहीं हो सकता!!
जवाब देंहटाएंAyur Mart !
Thanks .....