उपाय-चतुष्ठय अपनाए हैं साम दाम दंड और भेद
राजा ने किये प्रयोग चार मारक नहीं दिखेंगे छेद
नहीं दिखेंगे छेद कौए फिर से दरबारी गायेंगे
और दिखो सफ़ेद कबूतरों काले काले से मिल इतरायेंगे
काले काले से मिल इतरायेंगे खम्बे नोचेंगे बिल्ले खिसियाने
बिलाव दिखेगा लौटा हज से शुरू करेगा फिर सौ चूहे खाने
शुरू करेगा फिर सौ चूहे खाने दरबारी भांड करेंगे पूजा अर्चना
सड़क पेड़ कागज़ पत्तों पर करेंगे कवि लेखक वंदना सर्जना
करेंगे कवि लेखक वंदना सर्जना इतिहास नया मिल कर बनायेंगे
सिक्के नोटों पुरानी फोटों से धोती लाठी चश्मों को मिटवायेंगे
धोती लाठी चश्मों को मिटवायेंगे लंका का सोना वापस लायेंगे
रावण अट्टहास करेगा ‘उलूक’ पण्डे घर घर झंडे डंडे लहरायेंगे
चित्र साभार: https://pngtree.com/
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंधोती लाठी चश्मों को मिटवायेंगे
सादर वंदन
सड़क पेड़ कागज़ पत्तों पर
जवाब देंहटाएंकरेंगे कवि लेखक वंदना सर्जना
-आखिर चयन उनका तो और कर भी क्या सकते हैं...
लेकिन
धोती लाठी चश्मों को हटा देंगे : यह तो हो सकता है भी और नहीं भी
कब कौन पलट जाए ....
समय ही बतायेगा समय कैसा होगा...।
जवाब देंहटाएंप्रणाम सर।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार ४जून २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना जोशी जी
जवाब देंहटाएंक्या बात ! बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया कटाक्ष। बधाई
जवाब देंहटाएंगहन व्यंग्य लिए सुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंअनुपम
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कटाक्ष
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
बहुत सुंदर कटाक्ष।
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