एक खेत
सौ दो सौ किसान
किसी का हल किसी का बैल
बबूल के बीज आम की दुकान
जवानों में
बस वही जवान
जिसके पास एक से निशान
बंदूकें जंग खाई हुई
उधार की गोलियाँ
घोड़े दबाने के लिये अपने छोड़
सामने वाले कंधे को पहचान
मुँह में
रामायण गीता बाईबिल और कुरान
हाथ में गिलास बोतल में सामान
अपने मुद्दे मुद्दे
दूसरे के मुद्दे बेईमान
घर में लगे तो लगे आग पानी ले चल रेगिस्तान
‘उलूक’
बंद रख नाक मुँह और कान
अपनी अपनी ढपली अपने अपने गान
जय जवान जय किसान ।
चित्र साभार: cybernag.in