गजब की खबर है बुड्ढे के लिये
तेल पिला लाठी को
दौड़ लगाने को हो जा फिर से तैयार
दौड़ लगाने को हो जा फिर से तैयार
सत्तर पर ही सही
सूट भी नयी सिला कर रख ले
दो चार एक इस बार
दो चार एक इस बार
कोई बात नहीं
इसमें तेरे लिये
इसमें तेरे लिये
अगर एक जवान को
चालीस तक मिलती है
चालीस तक मिलती है
या नहीं मिलती है नौकरी
आज के जमाने में
कुछ हजूर हजूर करके
कुछ खजूर पेश करके सरकार
आज के जमाने में
कुछ हजूर हजूर करके
कुछ खजूर पेश करके सरकार
क्या होता है याद रखना पड़ेगा
कि पचास पर कर दिया जायेगा
कार्यमुक्त देकर अवकाश
लगेगा अगर अपने आदमी की तरह
पेश नहीं आ पा रहा है कोई
कार्यमुक्त देकर अवकाश
लगेगा अगर अपने आदमी की तरह
पेश नहीं आ पा रहा है कोई
मान लिया जायेगा हो चुका है बेकार
चिन्ता की बात केवल आम के लिये है
इसलिये खास होने के लिये
इसलिये खास होने के लिये
बनाना शुरु किया जा सकता है
बेशर्मी की मिट्टी मिले
बेशर्मी की मिट्टी मिले
मक्खन लगे सीमेंट के साथ
हवा में ही हवा हवा टाईप का कोई एक आधार
हवा में ही हवा हवा टाईप का कोई एक आधार
कच्ची जमीन ढूँढ कर कहीं भी
सस्ते दाम वाली दिखने में कामवाली
ढक ढका कर हरी पीली चमकीली सोच से ऐसी
जो धोखा दे सकें समय पर उड़ा कर हवा में
चोरी किये कहीं से दो चार
चलते फिरते जमाने के दौड़ लगाते सुविचार
जिन्दगी भर पढ़ाई लिखाई को छोड़
बाकी कुछ भी कर लेने वाले मास्टरों का
होने वाला है सत्कार
होने वाला है सत्कार
करेगी इसी उम्र को पार कर बन चुकी
जवान पीढ़ी के द्वारा छाँट कर खुद के लिये
बूढ़ी हो चुकी कोई एक सरकार
‘उलूक’
इन्तजार कर आँखों के कुछ और
कमजोर हो लेने का साल पाँच एक तक और
तब तक डाल अच्छी बची खुची सोच का
तेल डाल कर अचार
तेल डाल कर अचार
फिर देखना
लाठी लेकर आते हुऐ जवान कुलपति
सत्तर साल के
लाठी लेकर आते हुऐ जवान कुलपति
सत्तर साल के
लगाते नये जमाने की
उच्च शिक्षा का बेड़ा पार ।
उच्च शिक्षा का बेड़ा पार ।
चित्र साभार: https://www.thegazelle.org/