बहुत
कम जगह
सुना है
अब वो
पायी
जाती हैं
लेकिन
गौरेया
बिना नागा
सुबह यहाँ
जरूर
आती हैंं
खेत की
झाड़ियों में
हो कर इकट्ठा
हल्ला मचाती
चहचहाती हैं
दाना पाने
की उम्मीद में
फिर आंगन
में आकर
सब बैठ
जाती हैं
एक लड़की
जो करती है
उनकी
रखवाली
सुबह
सवेरे ही
उठ के
आती है
झाडू़
लगाती है
आंगन में
उनके लिये
खुश हो कर
वो चावल
के दाने
भी फैलाती है
कोने कोने
के घौंसलों
में आजकल
उनके
बच्चों की
चीं चीं की
आवाज
कानों
में घंटी
बजाये
जाती है
दाना ले
जा कर
गौरेया
उनको
खिलाये
जाती हैं
बिल्लियाँ
मेरे पड़ौस
की रहती हैं
उनकी ताक में
बिल्लियों
को लड़की
झाडू़ फेंक
कर भगाये
जाती है
बाज
होता है
बिल्ली से
फुर्तीला
कभी एक
दो को
ले कर
ऊड़ ही
जाता है
लड़की
उदास
हो जाती है
उस दिन
लेकिन
फिर से
अपने
काम पर
हमेशा
की तरह
तैनात
हो जाती है
गौरेया
से है
उसका
बहुत याराना
चावल
ना मिले तो
लड़की के
कंधों पर
आकर
चढ़ जाती हैं
छोटी सी
गौरेया
का दिन
है आज
देखा था
अखबार में
छपा था
दिन पर दिन
कम होते
जाती हैं
घर पर
हमारे बहुत
हो गयी हैं
जो
चहचहाती हैं
रोज
आती है
दाना
ले जाती हैं
फुर्र से
उड़ जाती हैं ।
कम जगह
सुना है
अब वो
पायी
जाती हैं
लेकिन
गौरेया
बिना नागा
सुबह यहाँ
जरूर
आती हैंं
खेत की
झाड़ियों में
हो कर इकट्ठा
हल्ला मचाती
चहचहाती हैं
दाना पाने
की उम्मीद में
फिर आंगन
में आकर
सब बैठ
जाती हैं
एक लड़की
जो करती है
उनकी
रखवाली
सुबह
सवेरे ही
उठ के
आती है
झाडू़
लगाती है
आंगन में
उनके लिये
खुश हो कर
वो चावल
के दाने
भी फैलाती है
कोने कोने
के घौंसलों
में आजकल
उनके
बच्चों की
चीं चीं की
आवाज
कानों
में घंटी
बजाये
जाती है
दाना ले
जा कर
गौरेया
उनको
खिलाये
जाती हैं
बिल्लियाँ
मेरे पड़ौस
की रहती हैं
उनकी ताक में
बिल्लियों
को लड़की
झाडू़ फेंक
कर भगाये
जाती है
बाज
होता है
बिल्ली से
फुर्तीला
कभी एक
दो को
ले कर
ऊड़ ही
जाता है
लड़की
उदास
हो जाती है
उस दिन
लेकिन
फिर से
अपने
काम पर
हमेशा
की तरह
तैनात
हो जाती है
गौरेया
से है
उसका
बहुत याराना
चावल
ना मिले तो
लड़की के
कंधों पर
आकर
चढ़ जाती हैं
छोटी सी
गौरेया
का दिन
है आज
देखा था
अखबार में
छपा था
दिन पर दिन
कम होते
जाती हैं
घर पर
हमारे बहुत
हो गयी हैं
जो
चहचहाती हैं
रोज
आती है
दाना
ले जाती हैं
फुर्र से
उड़ जाती हैं ।