उलूक टाइम्स: चोर
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मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013

तिनका दाढ़ी और चोर

अब 
अपने खेत में भी 
अपना ही 
अनाज 
उगाना 
जैसे 
कोई गुनाह होते जा रहा है 

जिसे देखो
जोर लगा कर पूछते हुऎ 
जरा भी
नहीं शरमा रहा है 

भाई
तू आजकल दाढ़ी रखे हुऎ 
शहर के अंदर 
खुले आम
क्यों नजर आ रहा है

दाढ़ी रखना 
जैसे 
मातम का कोई निशां 
हुऎ जा रहा है 

कोई
मुँह के कोने से मुस्कुरा रहा है

जैसे
मेरा कुलपति मेरे लिये अलग से 
कोई
दाढ़ी इंक्रीमेंट का जी ओ लेकर
अभी अभी आ रहा है 

दूसरा 
दाढ़ी और मेरी उम्र का हिसाब लगा रहा है 

बगल वाले से कह रहा है 
ये शायद अवकाश गृहण कर के घर आ रहा है 

तीसरे को भी
बहुत मजा सा आ रहा है 
दाढ़ी को काला करने का सस्ता जुगाड़ 
मुफ्त में समझा रहा है 

एक तो
इतना गुस्ताख हुआ जा रहा है 

दाढ़ी
तुमपर बिल्कुल नहीं जम रही है 
कहे जा रहा है

हद देखिये 
तुम्हारी पत्नी
तुम्हारी पुत्री नजर आने लगी है 
तक कहने से
बाज नहीं आ रहा है 

आगे पता नहीं
कौन कौन से प्रश्न 
ये दाढ़ी सामने लेकर आ रही है 

लोगों को
पता नहीं साफ साफ
क्यों नहीं बता पा रही है 

दाढ़ी वाला भारी तिनका 
अब अपनी जेब में नहीं छुपा पा रहा है 
इसलिये दाढ़ी उगाये चला जा रहा है 

यही तिनका
अब दाढ़ी में 
सारे शरीफों को
दूर ही से नजर आ रहा है 

इसलिये
कुछ ना कुछ राय
दाढ़ी पर
 जरूर ही दे कर जा रहा है । 

चित्र साभार: 
https://www.psychologytoday.com/

शनिवार, 5 मई 2012

चोर ना ना कामचोर

बहाने के ऊपर
जब बहाने
को चढ़ाते हैं
बहाने का समुंदर
कब वो लबालब
भर ले जाते हैं
पता कुछ कहाँ
कोई कर पाते हैं
अंदाज उस समय
ही आ पाता है
जब बहानेबाज
के जाने के बाद
हर कोई अपने को
बहाने में बहा
हुआ पाता है
ठगा सा
रह जाता है
बहाने बनाते बनाते
कुछ बहानेबाज
इतना भावुक
हो जाते हैं कि
सामने वाले
की आँखों
में आंसूँ भर
ही आते हैं
बहाने कितनी
आसानी से
किस समय
सच्चाई में
ढाल ले जाते हैंं
कितने
कलाकार हैं
उस समय
बताते है
हम देखते
रह जाते हैं
भावावेग प्रबल
हो जाता है
हर बहाना
सामने वाले
की समझ
में आता है
वो बेवकूफ
की तरह
ये दिखाता है
बहाना बनाया
तो जा रहा है
पर उसकी
समझ में
बिलकुल भी
नहीं आ रहा है
इसी तरह बहाना
बनाया जाता है
फिर भी
अन्जाने में वो
बहाना कब
सामने वाले को
बहा ले जाता है
अन्दाज ही नहीं
कोई लगा पाता है
मालूम रहता है 
वो जब भी आता है
बहाना बनाता है
बहुत अच्छा बनाता है।

बुधवार, 8 फ़रवरी 2012

बदल भी जाइये

बातों को
हलके से लेना
अब तो
सीख भी जाइये

इतना गौर
जो फरमाया
करते थे
भूल भी जाइये

छोटे छोटे थाने
अब तो ना ही
खुलवाइये

जो खुल चुके हैं
पहले से
हो सके तो
बंद करवाइये

छोटे चोर
उठाईगीरों को
बुला बुला के
समझाइये

समय
बदल चुका है
स्कोप
बढ़ते जा रहा है
कोर्स
करके आइये

और
तुरंत प्लेसमेंट
भी पाईये

ऎसे मौके
बार बार
नहीं आते
एक मौका
आये तो
हजारों
करोड़ो पर
खेल जाइये।

चोरी डाके
की कोचिंग
हुवा करती है
कहीं दिल्ली में

एक बार
जरूर
कर ही आइये

अब ऎसे भी
ना शर्माइये

काम
वाकई में
आपका
गजब का
हुवा करता है

लोगों को
मत बताइये
खुले आम
मैदान में
खुशी से
आ जाईये

जेल
नहीं जाईये
मैडल पे मैडल
पाइये।

बुधवार, 18 जनवरी 2012

आशा है

समय के साथ
कितने माहिर
हो जाते हैं हम
चोरी घर में
यूँ ही
रोज का रोज
करते चले
जाते हैं हम
दिल्ली में चोर
बहुत हो गये हैं
जागते रहो
की आवाज भी
बड़ी होशियारी से
लगाते हैं हम
बहुत सारे चोर
मिलकर बगल
के घर में लगा
डालते हैं सेंघ
पर कभी कभी
पड़ोस में ही
होकर हाथ मलते
रह जाते हैं हम
चलो चोरी में
ना मिले हिस्सा
कोई बात नहीं
बंट जायेगा चोरी
का सामान कल
कुछ लोगों में जो
हमारे सांथ नहीं
फिर भी आशा
रखूंगा नहीं
घबराउंगा
बड़े चोर पर ही
अपना दांव
लगाउंगा
आज कुछ भी
हाथ नहीं
आया तो भी
बिल्कुल नहीं
पछताउंगा
कभी तो बिल्ली
के भाग से
छींका जरुर
टूटेगा और
मैं भी अपनी
औकात से
ज्यादा लपक के
ले ही आउंगा।

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

हिम्मत कर छाप

कुछ
सोचते हैं
कुछ
छांटते हैं
फिर
छलनी से
उठा कुछ
छापते हैं
क्योंकि
सच
छन जाते हैं
छोटे होते हैं
छनित्र में
चले जाते हैं

चलिये
करते हैं कुछ
उलटफेर
थोड़ा अंधेर

सभी
करना करें
शुरू
स्टेटस अपडेट
छलनी से नहीं
छनित्र से
उठा
दें कुछ
छाप यहां
बिना किसी
लाग लपेट

बबाल शुरू
हो जायेंगे
बगलें
झांकते हुवे
एक एक कर
ज्यादातर
फरमायेंगे
गलत चीजें
यहां छापी
जा रही हैं
संविधान की
फलाँ फलाँ
धारा बेशरमी
से लाँघी
जा रही है

एक सच
को
बता कर
स्पैम
रिपोर्ट
फटाफट
कर दी
जायेगी
पोस्ट
तुरन्त
डीलिट कर
सूचना
प्रसारित
की जायेगी

हो गयें है
प्रोफाईल
चोरी
चोर हैं जो
छाप
रहे हैं
अपने ही
अंदर की
कमजोरी ।