उलूक टाइम्स: जहाज
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बुधवार, 7 अक्टूबर 2015

ऊपर जाने के रास्ते समझो जरा नीचे से निकल कर जाने हो रहे हैं

डूबते हुऐ जहाज
में बहुत तेजी
से हो रहे हैं
एक नहीं एक
साथ हो रहे हैं
सारे हो रहे हैं
सारे के सारे
काम ही हो रहे हैं
काम का दिखना
जरूरी नहीं है
जरूरी है देखना
किनारे से
भोंपुओं के सहारे
सहारे से कई
इशारे हो रहे हैं
हो रहें हैं कि
नहीं हो रहे हैं
इतनी गजब की
बातें हो रही है
ये सब कुछ
जल्दी ही गिन कर
गिनीज बुक को
बताने हो रहे हैं
जहाज की सैल्फी
डूबती हुई जनता
खुद ही ले रही है
किस्मत बहुत ही
खराब है कुछ
लोगों की जहाँ
जहाज चलाने वाले
के लोगों के शोर
नगाड़ों के शोर
में खो रहे हैं
किसी के होश
उड़ रहे हैं जहाज
के डूबने की
सोच सोच कर
पैंट के पाँयचे
ना जाने किस डर
से गीले हो रहे हैं
बेवकूफ का बेवकूफ
रह गया ‘उलूक’
उसे तो हमेशा
दिखा है सोचने
समझने के
लाले हो रहे हैं
वादा किया भी है
ऊँचाईयों में ले
जाने का जहाज
वादा निभाने के
लिये ही तो काम
सारे हो रहे हैं
किसने कह दिया
ऊपर को ही जाना
जरूरी है ऊँचाईयाँ
छूने के लिये
मन लगा कर
इच्छा से डूब कर
भी ऊपर को ही
जाने के रास्ते
जब बहुत
आसान और
बहुत सारे हो रहे हैं ।

चित्र साभार: blogs.21rs.
es  

बुधवार, 21 मई 2014

मुट्ठी बंद दिखने का वहम हो सकता है पर खुलने का समय सच में आता है



अंगुलियों
को 

मोड़कर 
मुट्ठी बना लेना 

कुछ भी
पकड़ 
लेने
की
शुरुआत 

पैदा होते हुऐ 
बच्चे
के साथ 

आगे भी
चलती 
चली जाती है 

पकड़
शुरु में 
कोमल होती है 

होते होते
बहुत
कठोर
हो जाती है 

किसी भी
चीज को 
पकड़ लेने की सोच 

चाँद
भी पकड़ने
के 
लिये
लपक जाती है 

पकड़ने की
यही 
कोशिश
कुछ 
ना कुछ
रंग 
जरूर दिखाती है 

आ ही
जाता है 
कुछ ना कुछ 
छोटी सी मुट्ठी में 

मुट्ठी
बड़ी और बड़ी 
होना
शुरु हो जाती है 

सब कुछ हो 
रहा होता है 

बस
आँख बंद 
हो जाती है 

फिर
आँख और 
मुट्ठी 
खुलना शुरु 
होती है

जब 
लगने लगता है 
बहुत कुछ

जैसे
हवा पानी 
पहाड़ अपेक्षाऐं 
मुट्ठी में आ चुकी हैं 

और
पकड़ 
उसके बाद 
यहीं से

ढीली 
पड़ना शुरु 
हो जाती है 

‘उलूक’
वक्र का 
ढलना
यहीं से 
सीखा जाता है 

वक्र का
शिखर 
मुट्ठी से बाहर 
आ ही जाता है 

उस समय
जब 
सभी कुछ
मुट्ठी 
में
समाया हुआ 

मुट्ठी में
नहीं 
मिल पाता है 

अपनी अपनी
जगह 
जहाँ था

वहीं
जैसे 
वापस
चला जाता है 

अँगुलियाँ
सीधी 
हो
चुकी होती हैं 

जहाज
के
उड़ने का 
समय
हो जाता है ।


चित्र साभार:
 http://www.multiversitycomics.com/