घरवाली
की आँखें
एक अच्छे
डाक्टर को
दिखलाते हैं
काला चश्मा
एक बनवा के
तुरंत दिलवाते हँ
रात को भी
जरूरी है
पहनना
एक्स्ट्रा
पैसे देकर
परचे में
लिखवाते हैं
दिखती हैं
कहीं भी
दो सुंदर
सी आँखें
बिना
सोचे समझे ही
कूद जाते हैं
तैराक होते हैं
पर तैरते नहीं
बस डूब जाते हैं
मरे हुऎ
लेकिन कहीं
नजर नहीं आते हैं
आयी हैं
शहर में
कुछ
नई आँखे
खबर पाते ही
गजब के
ऎसे कुछ
कलाकार
कूदने
की तैयारी
करते हुऎ
फिर
से हाजिर
हो जाते हैं
हम
बस यही
समझ पाते हैं
अच्छे
पिता जी
अपने बच्चों को
तैरना
क्यों नहीं
सिखाते हैं ।
की आँखें
एक अच्छे
डाक्टर को
दिखलाते हैं
काला चश्मा
एक बनवा के
तुरंत दिलवाते हँ
रात को भी
जरूरी है
पहनना
एक्स्ट्रा
पैसे देकर
परचे में
लिखवाते हैं
दिखती हैं
कहीं भी
दो सुंदर
सी आँखें
बिना
सोचे समझे ही
कूद जाते हैं
तैराक होते हैं
पर तैरते नहीं
बस डूब जाते हैं
मरे हुऎ
लेकिन कहीं
नजर नहीं आते हैं
आयी हैं
शहर में
कुछ
नई आँखे
खबर पाते ही
गजब के
ऎसे कुछ
कलाकार
कूदने
की तैयारी
करते हुऎ
फिर
से हाजिर
हो जाते हैं
हम
बस यही
समझ पाते हैं
अच्छे
पिता जी
अपने बच्चों को
तैरना
क्यों नहीं
सिखाते हैं ।