इस पर लिखा उस पर लिखा
ताज्जुब की बात
तुझ पर कभी कुछ नहीं लिखा
तुझ पर कभी कुछ नहीं लिखा
कोई बात नहीं
आज जो कुछ देख कर आया हूँ
उसे अभी तक
यहाँ लिख कर नहीं बताया हूँ
ऎसा करता हूँ
आज कुछ भी नहीं बताता हूँ
सीधे सीधे
तुझ पर ही कुछ
लिखना शुरू हो जाता हूँ
लिखना शुरू हो जाता हूँ
इस पर या उस पर लिखा
वैसे भी किसी को
समझ में कब कहाँ आता है
काम सब
अपनी जगह पर होता चला जाता है
अपनी जगह पर होता चला जाता है
इतने बडे़ देश में बडे़ बडे़ लोग
कुछ ना कुछ करते जा रहे हैं
अन्ना जैसे लोग
भीड़ इकट्ठा कर गाना सुना रहे हैं
अपने कनिस्तर को
आज मैं नहीं बजा रहा हूँ
छोड़
चल आज तुझ पर ही
बस कुछ कहने जा रहा हूँ
बस कुछ कहने जा रहा हूँ
अब ना कहना
तुम्हें भूलता ही जा रहा हूँ ।
तुम्हें भूलता ही जा रहा हूँ ।