उलूक टाइम्स: दसवाँ
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शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

दसवाँ हिंदी का सम्मेलन कुछ नया होगा सदियों तक याद किया जायेगा

हर जगह
कुछ ना कुछ
अढ़ाने की
आदत है

यहाँ
कैसे उसे
छोड़ पायेगा

दूर से ही सही
कुछ तो
उल्टा सीधा
खोज कर
लाकर
पढ़ायेगा

विश्व का है
हिंदी का है
सम्मेलन बड़ा है

छोटी मोटी
बात से
नहीं घुमायेगा

छोटा
होता होगा
तेरे घर के
आसपास
उसी तरह
का कुछ
बड़ा बड़ा
किया जायेगा

जमाना
अंतःविषय
दृष्टिकोण
का होना
बहुत जरूरी
हो गया
है आजकल

एक विषय
पर ही
बात करने से
दूसरे विषय का
अपना आदमी
कहाँ समायोजित
किया जायेगा

सारे
विषयों पर
चर्चा के बाद
समय बच गया
तो हिंदी पर भी
कुछ हवा में
छोड़ा जायेगा

कुछ फोड़ने
लायक हुआ तो
फोड़ा भी जायेगा

सम्मान
की पड़ी है
कुछ लोगों को

उनको ना सही
उनसे मिलते जुलते
किसी ना किसी को
तो दिया ही जायेगा

सम्मानित
किया जायेगा
तो दो मीटर
के कपड़े का
शॉल भी
दिया ही जायेगा

दिख जायेगा
किसी ना किसी
के कंधे पर
फोटो

टी वी अखबार
वालों को
तो बुलाया
जरूर ही जायेगा

हिंदी वाला नहीं
बुलाया गया
कोई चिंता की बात
नही करनी होगी

कुछ ना कुछ
उनके घर को
डाक से
भेज दिया जायेगा

नेता होंगे
राजनेता होंगे
मंच सुप्रसिद्ध
व्यक्तियों से
पाट दिया जायेगा

शराबियों
को रोकने
का इंतजाम
किया ही गया है

पहले से ही
किसी सरकारी
बड़े ने
कह ही दिया है

पीने पिलाने
छी छी
की कोशिश
करना छोड़

बात करने पर भी
हिंदी सम्मेलन से बाहर
फेंक दिया जायेगा

और क्या चाहिये
बता हिंदी तुझको

तेरे लिये है तेरे द्वारा
ही किया जा रहा है
तेरा उद्धार हमेशा से

मेरा कुछ नहीं है
तेरा तुझको अर्पण
ही किया जायेगा
जरूर किया जायेगा

'उलूक'
बहुत कुछ कहने
की आदत है जिसको

यहाँ आ कर पक्का
इसी तरह का कुछ
कहने से अपने को
नहीं रोक पायेगा

देख लेना
जो भी होगा
सामने होगा
समय बतायेगा ।

चित्र साभार: kharinews.in