किसी ने गौर
भी नहीं किया
मीडिया भी
चुप चाप रहा
हर बार इसकी
और उसकी
तलवार लेकर
वार करने की
फितरत वाला
इस बार की
होली में आखिर
क्यों कहीं
भी नहीं दिखा
होली में देश
नहीं होता है क्या
होली में प्रेम
नहीं होता है क्या
उसके चेहरे पर
किसी ने कोई रंग
आखिर
क्यों नहीं लिखा
ज्वलंत है प्रश्न
पर उत्तर कहीं भी
लिखा हुआ
नहीं बिका
ऐसा क्या बस
मुझे ही लगा
या किसी और ने भी
इस बात को सोचा
झाडू तक उठा
ले गया था किसीका
रंग देख कर क्यों
और
कहाँ खिसक गया
हिंदू मुसलमान
सिख और ईसाई
को भूल गया
समझ में सच में
नहीं आ रहा है
कोई समझाये मुझे
क्या इसी बीच
कुछ दिनों
कश्मीर जाकर क्या
वो आदमी हो गया
रंगीन चेहरे बनाने
में माहिर रंग हीन
किसलिये हो गया ?
चित्र साभार: www.disneyclips.com
भी नहीं किया
मीडिया भी
चुप चाप रहा
हर बार इसकी
और उसकी
तलवार लेकर
वार करने की
फितरत वाला
इस बार की
होली में आखिर
क्यों कहीं
भी नहीं दिखा
होली में देश
नहीं होता है क्या
होली में प्रेम
नहीं होता है क्या
उसके चेहरे पर
किसी ने कोई रंग
आखिर
क्यों नहीं लिखा
ज्वलंत है प्रश्न
पर उत्तर कहीं भी
लिखा हुआ
नहीं बिका
ऐसा क्या बस
मुझे ही लगा
या किसी और ने भी
इस बात को सोचा
झाडू तक उठा
ले गया था किसीका
रंग देख कर क्यों
और
कहाँ खिसक गया
हिंदू मुसलमान
सिख और ईसाई
को भूल गया
समझ में सच में
नहीं आ रहा है
कोई समझाये मुझे
क्या इसी बीच
कुछ दिनों
कश्मीर जाकर क्या
वो आदमी हो गया
रंगीन चेहरे बनाने
में माहिर रंग हीन
किसलिये हो गया ?
चित्र साभार: www.disneyclips.com