आज कुछ
मुर्गियाँ
लाया हूँ
खाने वाले
खुश ना
होईयेगा
चिकन नहीं
बनाया हूँ
बस
लिख कर
मुर्गियाँ
फैलाया हूँ
सुबह सुबह
मुर्गियों ने मेरी
बहुत कोहराम
मचाया हुआ था
कल देर से
सोया था
रात को
सुबह के
शोर से जागा
तो बहुत
झल्लाया था
कल ही नयी
कुछ तमीजदार
मुर्गियाँ खरीद
के लाया था
पुराने दड़बे
में पुरानी
कम
पढ़ी लिखी
मुर्गियों में
लाकर उन को
घुसाया था
नयी मुर्गियाँ
पुरानी
मुर्गियों से
नाराज नजर
आ रही थी
इसलिये
सब के सब
जोर जोर
से चिल्लाये
जा रही थी
मुर्गियों को
मुर्गियों में
ही मिलाया था
मुर्गीखाना था
उसी में डाल
कर के
आया था
किसी को
लग रहा हो
कबूतर खाना
मैंने तो कहीं
नहीं बनाया था
क्यों कर
रही होंगी
मुर्गियाँ ऎसा
समझने की
कोशिश
नहीं कर
पा रहा था
अपने खाली
दिमाग की
हवा को
थोड़ा सा
बस हिलाये
जा रहा था
थक हार
कर सोचा
मुर्गियों से ही
अब पूछा जाये
इस सब बबाल
का कुछ हल तो
ढूँढा ही अब जाये
मुर्गियों ने बताया
कल जब उनको
लाया जा रहा था
तब उनको ये भी
बताया जा रहा था
इधर की मुर्गियाँ
कुछ अलग
मुर्गियाँ होंगी
कुछ नहीं करेंगी
उनको बहुत
आराम से
सैटल होने को
जगह दें देंगी
पर यहाँ तो
अलग माजरा
नजर आ रहा है
हर मुर्गी में
हमारे यहाँ की
जैसी मुर्गियों का
एक डुप्लीकेट
नजर आ रहा है
मैने बहुत
धैर्य से सुना
और प्यार से
मुर्गियों को
थपथपाया
और समझाया
वहाँ भी मुर्गियाँ थी
यहाँ भी मुर्गियाँ है
वहाँ से यहाँ
आने पर मुर्गी
आदमी तो
नहीं हो जायेगी
हो भी जायेगी
तब भी मुर्गी
ही कहलायेगी
चुप रहे तो
शायद
कोई नहीं
पहचान पायेगा
मुँह खोलते
ही दही दूध
फैलायेगी
अपनी हरकतों से
पकड़ी ही जायेगी
इसलिये
ज्यादा मजे
में तो मत
ही आओ
दाना मिल
तो रहा है
पेट भर के
खाते जाओ
फिर
कुकुड़ूँ कूं
करते रहो
मेरा
बैंड बाजा
पहले से ही
बजा हुआ है
तुम उसको
फिर से तो
ना बजाओ
मुर्गियो
आदमी हो
जाने के ख्वाब
देखने से
बाज आओ ।
मुर्गियाँ
लाया हूँ
खाने वाले
खुश ना
होईयेगा
चिकन नहीं
बनाया हूँ
बस
लिख कर
मुर्गियाँ
फैलाया हूँ
सुबह सुबह
मुर्गियों ने मेरी
बहुत कोहराम
मचाया हुआ था
कल देर से
सोया था
रात को
सुबह के
शोर से जागा
तो बहुत
झल्लाया था
कल ही नयी
कुछ तमीजदार
मुर्गियाँ खरीद
के लाया था
पुराने दड़बे
में पुरानी
कम
पढ़ी लिखी
मुर्गियों में
लाकर उन को
घुसाया था
नयी मुर्गियाँ
पुरानी
मुर्गियों से
नाराज नजर
आ रही थी
इसलिये
सब के सब
जोर जोर
से चिल्लाये
जा रही थी
मुर्गियों को
मुर्गियों में
ही मिलाया था
मुर्गीखाना था
उसी में डाल
कर के
आया था
किसी को
लग रहा हो
कबूतर खाना
मैंने तो कहीं
नहीं बनाया था
क्यों कर
रही होंगी
मुर्गियाँ ऎसा
समझने की
कोशिश
नहीं कर
पा रहा था
अपने खाली
दिमाग की
हवा को
थोड़ा सा
बस हिलाये
जा रहा था
थक हार
कर सोचा
मुर्गियों से ही
अब पूछा जाये
इस सब बबाल
का कुछ हल तो
ढूँढा ही अब जाये
मुर्गियों ने बताया
कल जब उनको
लाया जा रहा था
तब उनको ये भी
बताया जा रहा था
इधर की मुर्गियाँ
कुछ अलग
मुर्गियाँ होंगी
कुछ नहीं करेंगी
उनको बहुत
आराम से
सैटल होने को
जगह दें देंगी
पर यहाँ तो
अलग माजरा
नजर आ रहा है
हर मुर्गी में
हमारे यहाँ की
जैसी मुर्गियों का
एक डुप्लीकेट
नजर आ रहा है
मैने बहुत
धैर्य से सुना
और प्यार से
मुर्गियों को
थपथपाया
और समझाया
वहाँ भी मुर्गियाँ थी
यहाँ भी मुर्गियाँ है
वहाँ से यहाँ
आने पर मुर्गी
आदमी तो
नहीं हो जायेगी
हो भी जायेगी
तब भी मुर्गी
ही कहलायेगी
चुप रहे तो
शायद
कोई नहीं
पहचान पायेगा
मुँह खोलते
ही दही दूध
फैलायेगी
अपनी हरकतों से
पकड़ी ही जायेगी
इसलिये
ज्यादा मजे
में तो मत
ही आओ
दाना मिल
तो रहा है
पेट भर के
खाते जाओ
फिर
कुकुड़ूँ कूं
करते रहो
मेरा
बैंड बाजा
पहले से ही
बजा हुआ है
तुम उसको
फिर से तो
ना बजाओ
मुर्गियो
आदमी हो
जाने के ख्वाब
देखने से
बाज आओ ।