ऐसा
एक नहीं
कई बार
होता है
जब
ऊपर
वाले का
अपना कोई
नीचे
आकर के
जन्म लेता है
हर कोई
उसे उसका
एक अवतार
कहता है
सुना गया है
बैकुंठ में
वैसे तो
सब कुछ
होता है
और
अलौकिक
होता है
फिर
इस लोक में
क्यों कोई
आने को
इतना
आतुर होता है
ये
उसकी
समझ में
आने से
बहुत
दूर होता है
जो
खुद के
यहां होने से
बहुत
दुखी होता है
जब देखो
बैकुंठ
जाने के लिये
रोता रहता है
पर
जो जो
यहां होता है
वो
बैकुंठ में
कभी नहीं
होता है
लूटमार
भ्रष्टाचार
सड़क का
ब्लात्कार
बीस गोपियां
बीबी चार
मैं और मेरे
को लेकर
मारामार
केवल
यहीं होता है
और
यहां
सब की
नजर में
ये सब कुछ
ठीक होता है
वो
कहता है
कि
सबको
ठीक करने
के लिये ही
उसे
ऊपर से
नीचे
उतरना
होता है
किसी को
पता नहीं
होता है
जब भी
उसका मन
इस
लोक में
आने का
होता है
उसके
इशारे
पर ही
यहां
बहुत
कुछ
होता है
उस बहुत
कुछ को
देखने
सुनने
के लिये
ही तो
वो
यहां होता है
अकेले
होता है से
क्या होता है
परलोक
का एक
इस लोक के
अनेक के ऊपर
बहुत
भारी होता है
कोई भी
कहीं भी
कुछ भी
करता रहे
जब वो
यहां होता है
तो फिर
किसी के
भी किये गये
गलत सलत से
क्या होता है
उसका
होना ही
अपने आप में
क्या
नहीं होता है ।
एक नहीं
कई बार
होता है
जब
ऊपर
वाले का
अपना कोई
नीचे
आकर के
जन्म लेता है
हर कोई
उसे उसका
एक अवतार
कहता है
सुना गया है
बैकुंठ में
वैसे तो
सब कुछ
होता है
और
अलौकिक
होता है
फिर
इस लोक में
क्यों कोई
आने को
इतना
आतुर होता है
ये
उसकी
समझ में
आने से
बहुत
दूर होता है
जो
खुद के
यहां होने से
बहुत
दुखी होता है
जब देखो
बैकुंठ
जाने के लिये
रोता रहता है
पर
जो जो
यहां होता है
वो
बैकुंठ में
कभी नहीं
होता है
लूटमार
भ्रष्टाचार
सड़क का
ब्लात्कार
बीस गोपियां
बीबी चार
मैं और मेरे
को लेकर
मारामार
केवल
यहीं होता है
और
यहां
सब की
नजर में
ये सब कुछ
ठीक होता है
वो
कहता है
कि
सबको
ठीक करने
के लिये ही
उसे
ऊपर से
नीचे
उतरना
होता है
किसी को
पता नहीं
होता है
जब भी
उसका मन
इस
लोक में
आने का
होता है
उसके
इशारे
पर ही
यहां
बहुत
कुछ
होता है
उस बहुत
कुछ को
देखने
सुनने
के लिये
ही तो
वो
यहां होता है
अकेले
होता है से
क्या होता है
परलोक
का एक
इस लोक के
अनेक के ऊपर
बहुत
भारी होता है
कोई भी
कहीं भी
कुछ भी
करता रहे
जब वो
यहां होता है
तो फिर
किसी के
भी किये गये
गलत सलत से
क्या होता है
उसका
होना ही
अपने आप में
क्या
नहीं होता है ।