अपने
भारी हो गये
सिर को
हलका
करने के लिये
अच्छा
रास्ता है
रास्ते पर
ला कर
रख देना
बेकार
पड़े हुऐ
पत्थर की तरह
आने जाने
वालों के
देखने समझने
के लिये
और
कुछ के ठोकर
खाने के लिये भी
सब
करते हैं
अपने अपने
हिसाब से
कुछ
के छोटे मोटे कंकड़
कुछ
के थोड़े बड़े
कुछ
के तेरे
जैसे अझेल
अब
किया
क्या जाये
माना कि
जरूरी होता है
बोझ
कम कर लेना
थोड़ा थोड़ा ही सही
पूरा का पूरा नहीं भी
पर
कभी कभी
दूसरों के
बारे में भी
सोच लेना
इंसानियत
का एक नियम
तो होता ही है
माना कि
गंगा साफ
कर लेने
की सोच लेना
सबके बस में
नहीं होता है
फिर भी
अपने घर
की नालियाँ
और उसके
बहाव को
बाधित करते
कचरे के
टुकड़े मुकड़े
उठा कर
किनारे
रख लेना भी
नियम
में ही आता है
छोटा ही सही
च्यूइंगम को
खींच कर लम्बा
कर दिया हो तो
वापस
मुँह की ओर भी
ले जा लेना
कभी कभी
सही होता है
यानि कि
सिर पर
भार लेना भी ठीक
और उसे
कभी अपनी जगह
पर रहने देकर
दिल की भी
एक छोटी सी बात
कर लेने में भी
कोई
हर्ज नहीं है
है ना ।
चित्र साभार: http://www.shutterstock.com
भारी हो गये
सिर को
हलका
करने के लिये
अच्छा
रास्ता है
रास्ते पर
ला कर
रख देना
बेकार
पड़े हुऐ
पत्थर की तरह
आने जाने
वालों के
देखने समझने
के लिये
और
कुछ के ठोकर
खाने के लिये भी
सब
करते हैं
अपने अपने
हिसाब से
कुछ
के छोटे मोटे कंकड़
कुछ
के थोड़े बड़े
कुछ
के तेरे
जैसे अझेल
अब
किया
क्या जाये
माना कि
जरूरी होता है
बोझ
कम कर लेना
थोड़ा थोड़ा ही सही
पूरा का पूरा नहीं भी
पर
कभी कभी
दूसरों के
बारे में भी
सोच लेना
इंसानियत
का एक नियम
तो होता ही है
माना कि
गंगा साफ
कर लेने
की सोच लेना
सबके बस में
नहीं होता है
फिर भी
अपने घर
की नालियाँ
और उसके
बहाव को
बाधित करते
कचरे के
टुकड़े मुकड़े
उठा कर
किनारे
रख लेना भी
नियम
में ही आता है
छोटा ही सही
च्यूइंगम को
खींच कर लम्बा
कर दिया हो तो
वापस
मुँह की ओर भी
ले जा लेना
कभी कभी
सही होता है
यानि कि
सिर पर
भार लेना भी ठीक
और उसे
कभी अपनी जगह
पर रहने देकर
दिल की भी
एक छोटी सी बात
कर लेने में भी
कोई
हर्ज नहीं है
है ना ।
चित्र साभार: http://www.shutterstock.com