उलूक टाइम्स: महामहिम
महामहिम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
महामहिम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 24 जुलाई 2015

है कोई जुगाड़ कुछ कर कहीं से कुछ तो उखाड़ महामहिम सुना है राज्य पुरुस्कार देने जा रहे हैं


पहाड़ी प्रदेश के
सारे प्रभावशालियों में 
नये महामहिम
कुछ
अलग से नजर आ रहे हैं

पहले
वाले के
खोदे गये गड्ढों में
उनके घुसाये गये
सारे मेंढक
जोर जोर से टर्रा रहे हैं

होने वाली है
बरसात इनामों की
नये वाले छप्पर तनवा रहे हैं

कागज
घुमा रहा था चपरासी
लिखा हुआ था
राज्य पुरुस्कार उत्कृष्ठ को मिलेगा

महामहिम
काँट छाट कर
उत्कृष्ठ को छाटने के लिये
कागजों में भरे हुऐ आवेदन मंगा रहे हैं

राज्य
जब से काँट छाँट कर
छोटा बना है
तब से उत्कृष्ठ
अलग से
अपने आप पहचाने जा रहे हैं

ढूँढने की जरूरत नहीं
अपने समाचार
अपने अपने अखबारों में
अपने चित्रों के साथ
नियमित अंतराल पर छपवा रहे हैं

महामहिम
किसलिये कागजों को बरबाद करवा रहे हैं

समझदार हैं
समझदारी से समझ कर
छोटे से राज्य के
कुछ चिन्हिंत उत्कृष्ठ लोगों में से ही
किसी से पूछताछ कर
राज्य पुरुस्कार की घोषणा
क्यों नहीं करवा रहे हैं

‘उलूक’ को सपनों में
तमगे लटके हुऐ सूखे पेड़ों के
अपने रहने के ठिकाने
पुराने खण्डहर
आज बहुत याद आ रहे हैं।

चित्र साभार: clipartavenue.com

शनिवार, 13 सितंबर 2014

मित्र “अविनाश विद्रोही” आपके आदेश पर इतना ही कुछ मुझ से आज कहा जायेगा

मित्र आपने
आदेश दिया है

उस पर
और उसके
चित्र के पाँव
सड़क पर
दिखा दिखा कर
धो कर पीने
वालों पर
कुछ लिखने
को कहा है

आपके
आदेश का
पालन करने
जा रहा हूँ

मैं आपके
उस सबसे
बड़े महान
के ऊपर
आज कुछ
लिखने ही
जा रहा हूँ

नाम
इसलिये नहीं
ले पा रहा हूँ

कहीं
इस बदनामी
का फायदा भी वो
उठा ले जायेगा

बहुत दिन
पोस्टरों में
रहा है गली गली
इस देश की

आने वाले
समय के
मंदिरों की
मूर्ति हो जायेगा

आज
साईं बाबा
को बाहर
फेंका जा रहा है

कल
हर उस
खाली जगह
पर वो
खुद ही जाकर
अपना बैठ जायेगा

उसके
चमचों की
बात कर के क्यों
अपना दिमाग
खराब करते हो

अभी
बहुत सालों तक
हर गली हर पेड़ पर
वो ही लटका हुआ
नजर आयेगा

इस देश
की किस्मत
अच्छी कही जाये
या बुरी

तेरी मेरी
किस्मत में
फुल स्टोप
उसके चमचे
का कोई चमचा
ही लगायेगा

सोच कर
आया था
‘उलूक’

पाँच साल
पूरे हो चुके
ब्लाग पर

अब शायद
गली की
बातों को छोड़
घर की रोशनी पर
कुछ लिखा जायेगा

किसे
मालूम था
फेस बुक के
संदेश बक्से में

तेरा संदेश
उस पर
और
उसके चमचों पर
कुछ ना कुछ
लिख ले जाने
को उकसायेगा

उसके
पाँच सालों पर है
तेरी काली नजर

पर
अगले पाँच साल भी
उसका कोई ना कोई

चमचा
तुझे जरूर
कहीं ना कहीं रुलायेगा

क्या पता

उसकी
हजार फीट
की प्रतिमा
बनाने के
नाम पर
कुछ लोहा
माँगने ही
तेरे घर ही
आ जायेगा ।

चित्र साभार: http://www.canstockphoto.com/