रोज
कुछ कहना
कुछ कहना
जरूरी नहीं है
चलो
आज कुछ
नहीं कहते हैं
तुम्हारी
परेशानी को
कुछ आराम
कुछ छुट्टी देते हैं
कुछ
कहना ही
एक तीखी मिर्च
होता जा रहा है
इसका पता
बहुतों का सी सी
करना बता रहा है
पर
किसे पता है
आज का
कुछ
कुछ
ना कहना भी
एक मिर्च ही हो जाये
कुछ
नहीं लिखा है
करके
किसी की
किसी की
बिना मिर्च के
भी सी सी हो जाये
आज
कुछ नहीं कहा
इसका मतलब
ये मत लगा लेना
छोड़
चुका है
कोई
मिर्ची लगाना
मिर्ची लगाना
की
गलतफहमी
गलतफहमी
मत बना लेना
जब भी
आस पास
कोई
हरी या लाल
हरी या लाल
मिर्ची
दिखलाई जायेगी
दिखलाई जायेगी
वो
शब्दों में उतर कर
फिर
किसी ना किसी
को
सी सी
किसी ना किसी
को
सी सी
जरूर करवायेगी
अपनी
सोच को
इसीलिये
इतना तो अब
समझा ही लेना
इतना तो अब
समझा ही लेना
मिर्चियों के बीच
रहकर
मुश्किल है
मुश्किल है
मिर्ची से बच पाना
सीख ही लेना
रोज की आदत
एक बना लेना
आदत
डाल लेना
डाल लेना
मिर्ची को पचा लेना
पड़ ही जाता है
किसी को
कहीं
कहीं
तांक झांक के
लिये कभी
चले ही जाना
आदत हो
तो
सी सी करने
के
साथ नहीं
साथ नहीं
कहना पड़ता है
नहीं
भाता है
मिर्ची वाला
परोसा गया
रोज रोज
का
जमाने का
जमाने का
खाना नहीं खाना।
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