एक
बहुत पुरानी सी किताब पर
बहुत पुरानी सी किताब पर
पड़ी धूल को झाड़ते ही
कुछ ऐसा लगा
जैसे
कुछ ऐसा लगा
जैसे
कहीं किसी पेज पर
कोई चीज है अटकी हुई
जिससे लग रही है
किताब कुछ पटकी पटकी हुई
चिपके हुऐ पन्नों के
खुलने में बहुत ध्यान रखना पड़ा
सोचना ये पड़ा
फट ना जाये कहीं थोड़ा सा भी रखा हुआ कुछ विशेष
और
हाथ से निकल ना जाये कोई खजाना बरसों पुराना
हाथ से निकल ना जाये कोई खजाना बरसों पुराना
या
उसके कोई भी अवशेष
उसके कोई भी अवशेष
या
शायद
कोई सूखा हुआ
गुलाब ही दिख जाये
किसी जमाने की किसी की
प्रेम कहानी ही समझ में आ जाये
प्रेम कहानी ही समझ में आ जाये
ऐसा भी मुमकिन है
कुछ लोग रुपिये पैसे भी कभी किताबों में
सँभाला करते थे
हो सकता है
ऐतिहासिक बाबा आदम के जमाने का कोई पैसा
ऐसा निकल जाये
अपनी खबर ना सही
फटे नोट की किस्मत ही कुछ सुधर जाये
किसी शोध पत्र में
कोई उसपर कुछ लिख लिखा ले जाये
धन्यवाद मिले नोट पाने वाले को
नाम पत्र के अंतिम पेज में ही सही
छप छपा जाये
छप छपा जाये
शेखचिल्ली के सपने
इसी तरह के मौकों में समझ में आते होंगे
किताबों के अंदर बहुत से लोग
बहुत कुछ रख रखा कर भूल जाते होंगे
परेशानी की बात
तो उसके लिये हो जाती होगी
जिसके हाथ
इस तरह की पुरानी किताब कहीं से पड़ जाती होगी
बड़ी मेहनत और जतन से
चाकू स्केल की मदद से
बहुत देर में जब सफलता हाथ में आ ही जाती है
जो होता है अंदर से उसे देख कर खुद झेंप आ जाती है
अपने ही लेख में लिखी
एक इबारत पर जब
नजर पड़ जाती है
एक इबारत पर जब
नजर पड़ जाती है
लिखा होता है
"इसे इसी तरह से चिपका कर उसी तरह रख दिया जाये
'उलूक' अपनी बेवकूफी किसी को बताई नहीं जाती है" ।