स्वतंत्र
एक शब्द है
स्वतंत्रता
एक
ख्वाब है
ख्वाब है
गुलाम
और
गुलामी
आम है
और
खास है
खास है
नकारते रहिये
हो गये
तो
तो
सीढ़ी
आपके पास है
नहीं
हो पाये
अगर
का
मतलब
साँप
कहीं ना कहीं है
और
बहुत नजदीक है
और
आसपास है
साँप
और सीढ़ी
के बीच
एक रिश्ता है
इसीलिये
खेला भी जाता है
हर गुलाम
अपने नीचे
बस गुलाम
देखना
चाहता है
चाहता है
गुलाम
सोचना
सोचना
चाहता है
हर गुलाम
एक बड़े
गुलाम का
खास होना
चाहता है
गुलाम
गुलाम होकर
भी
भी
गुलाम हूँ
सोचना
भी
भी
नहीं चाहता है
गुलामी
खून में होती है
खून
लाल होता है
सभी का
एक जैसा
आदमी से लेकर
जानवर का तक
सारे गुलाम
स्वतंत्रता जीते हैं
ख्वाब पीते हैं
इसके
गुलाम
उसको
स्वतंत्रता
पढ़ाते हैं
उसके
गुलाम
स्वतंत्रता
सिखाने वाले
शिक्षकों की
पाँत में
सबसे
आगे खड़े
नजर आते हैं
नियम
स्वतंत्र होते है
पालन
करने वाले
गुलाम होते हैं
गुलामी
कुछ ना कुछ
दे जाती है
स्वतंत्रता
पागलों के
काम आती है
स्वतंत्रता
सपने जगाती है
सोना
बहुत जरूरी है
गुलामों को
नींद
जरूरत से
जरूरत से
ज्यादा आती है
गुलाम बहुत
आतुरता के साथ
स्वतंत्रता
लिखना चाहता है
लिखना
शुरु करता है
मालिक
सपने में
आना शुरु
हो जाता है
‘राम’ ईश्वर है
‘उलूक’
गुलाम
गुलाम
उसके नाम पर
तुझे धमका कर
तेरा क्रिया करम
श्राद्ध सब
अभी
और अभी
यहीं
कर देना
कर देना
चाहता है
देश
स्वतंत्र हुआ था
गुलामों से
कुछ सुना था
फिर क्यों
हर तरफ अपने
आसपास
अपने ऊपर
किसी एक
गुलाम का
साया नजर
आता है
घर में ही
घर के
भेड़िये
नोच रहे
होते हैं
अपनी भेड़ें
अपने हिसाब से
शेर
का गुलाम
शेर की
एक तस्वीर
का
झंडा
झंडा
ला ला कर
क्यों
लहराता है ?
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