खुली रखें खिड़कियाँ
पूरी नहीं तो आधी ही
इतने में भी संकोच हो
तो बना लें कुछ झिर्रियाँ
नजर भर रखने के लिये
बाहर चलती हवाओं के रंग ढंग पर
बस खयाल रखें इतना
हवायें आती जाती रहें
हवायें आती जाती रहें
खिड़कियों से बना कर गज भर की दूरी
चलें सीधे मुँह मुढ़ें नहीं कतई
खिड़कियों की ओर
देखने समझने के लिये
रंग ढंग खिड़कियों के
खिड़कियाँ समेट लेती हैं
हवा अन्दर की
पर्दे खिड़कियों पर लटके हुऐ
लगा लेते हैं लगाम हवाओं पर
समझा लेती हैं मजहब
हवाओं को हवाओं का खिड़कियाँ
मौसम का हाल देखने के लिये
खुद अपनी ही आँखों से अपने सामने
खुद अपनी ही आँखों से अपने सामने
जरूरी नहीं खिड़कियों से बाहर झाँकना
सुबह के अखबार
दूरदर्शन के जिन्दा समाचार
बहुत होते हैं
पता करने के लिये हवाओं के मौसम का हाल
बेहाल हवायें खुद ही छिपा लेती हैं अपने मुँह
बहुत आसान होता है हवा हवा खेलना
बैठकर दूर कहीं अंधेरे में
और समझ लेना रुख हवा का
‘उलूक’ हवा देता है
हवा हवा खेलने वाले कहाँ परवाह करते हैं
बहुत आसान होता है फैला देना
किसी के लिये भी हवा में कह कर
हवा लग गई है ।
चित्र साभार: http://www.fotosearch.com