जो परेशान है
वो उसकी
खुद की खुद के
लिये बोये गये
बीज से उसी
के खुद के खेत
में उगा पेड़ है
इसमें कोई कैसे
मदद करे जब
कोई भी सामने
वाला दिखता
एक है भी तब भी
एक नहीं है डेढ़ है
घर से शुरु करें
आस पास देखें
या शहर जिले
राज्य और देश
कहीं छोटी कहीं
थोड़ी बड़ी और
कहीं बहुत ही
विकराल समझ की
घुसेड़म घुसेड़ है
बहुत आसान है
समस्याओं के
समाधान किसी
और के नहीं
सब कुछ तेरे
और केवल तेरे
ही खुद के ही हाथ
से तेरे खेत की ही
बनी एक मेढ़ है
मान क्यों नहीं लेता है
चल रही है पर्दे पर
एक फिल्म बहुत बड़े
बजट की है और बस
हीरो ही हीरो है बाकी
उसके अलावा सब कुछ
यहाँ तक तू भी एक
बहुत ही बड़ा जीरो है
सारी समस्यायें चुटकी
में हल हो जायेंगी
दिखाये देखे सपने की
दुनियाँ फिल्म देखने
के दरम्यान के तीन
घंटे की बस एक
फिल्म हो जायेगी
हर सीन वाह वाह
और जय जय का
होता चला जायेगा
कैसे नहीं दिखेगा
आयेगा नहीं भी
तब भी फिल्म का
अंत सकारात्मक
कर ही दिया जायेगा
बिना टिकट खरीदे
फिल्म देखने का
आदी हो जायेगा
अच्छे दिन से
शुरु होगा दिन हमेशा
बिना बीच में रात
के आये ही अच्छे
किसी दिन पर जाकर
पूरा भी हो जायेगा
‘उलूक’ ने देखनी
शुरु कर दी है फिल्म
पूरी होनी ही है
पूरी हो भी जायेगी
बिना देखे देखने की
आदत हो गई हो जिसे
कुछ देख के दिख जायेगा
तो बताने के लिये
वापिस भी जरूर आयेगा ।
चित्र साभार: www.hyperlino.com
वो उसकी
खुद की खुद के
लिये बोये गये
बीज से उसी
के खुद के खेत
में उगा पेड़ है
इसमें कोई कैसे
मदद करे जब
कोई भी सामने
वाला दिखता
एक है भी तब भी
एक नहीं है डेढ़ है
घर से शुरु करें
आस पास देखें
या शहर जिले
राज्य और देश
कहीं छोटी कहीं
थोड़ी बड़ी और
कहीं बहुत ही
विकराल समझ की
घुसेड़म घुसेड़ है
बहुत आसान है
समस्याओं के
समाधान किसी
और के नहीं
सब कुछ तेरे
और केवल तेरे
ही खुद के ही हाथ
से तेरे खेत की ही
बनी एक मेढ़ है
मान क्यों नहीं लेता है
चल रही है पर्दे पर
एक फिल्म बहुत बड़े
बजट की है और बस
हीरो ही हीरो है बाकी
उसके अलावा सब कुछ
यहाँ तक तू भी एक
बहुत ही बड़ा जीरो है
सारी समस्यायें चुटकी
में हल हो जायेंगी
दिखाये देखे सपने की
दुनियाँ फिल्म देखने
के दरम्यान के तीन
घंटे की बस एक
फिल्म हो जायेगी
हर सीन वाह वाह
और जय जय का
होता चला जायेगा
कैसे नहीं दिखेगा
आयेगा नहीं भी
तब भी फिल्म का
अंत सकारात्मक
कर ही दिया जायेगा
बिना टिकट खरीदे
फिल्म देखने का
आदी हो जायेगा
अच्छे दिन से
शुरु होगा दिन हमेशा
बिना बीच में रात
के आये ही अच्छे
किसी दिन पर जाकर
पूरा भी हो जायेगा
‘उलूक’ ने देखनी
शुरु कर दी है फिल्म
पूरी होनी ही है
पूरी हो भी जायेगी
बिना देखे देखने की
आदत हो गई हो जिसे
कुछ देख के दिख जायेगा
तो बताने के लिये
वापिस भी जरूर आयेगा ।
चित्र साभार: www.hyperlino.com