उलूक टाइम्स: हो ली
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सोमवार, 17 मार्च 2014

होली हो ली तशरीफ ले जायें

मौगैम्बो
सुबह सुबह
जब नींद से उठा
बहुत खुश हुआ

उसे जैसे ही
पता चला होली का

होली आज हो रही है
छपा हुआ दिखा
अखबार में
मुख्यपृष्ठ के ऊपर के
दायें कौने में छोटा सा

"होली की शुभकामनाएं"

जैसे कह रहा हो
रोज ही होती है
आज भी होगी
तैयार हो जायें

हो ली कह जाये
कोई इससे पहले
जुट जायें

पुराने ट्रंक
को खुलवाये
कई सालो से
हर साल पहने
जा रहे होली के
कपडों को आज
एक बार फिर से
बाहर निकलवायें

धूल को झा‌ड़ लें
कहीं उधड़ा हुआ
दिखे कोई कौना
उसे सुई और धागा
सफेद ना भी मिले
सब चलता है
मानकर सुधार लें

इस्त्री करने की
जरूरत नहीं होती है
तुरंत पहने और
सिर पर टोपी
पाँव में चप्पल
एक टूटी डाल लें

कुछ लाल नीले
हरे पाउडर को
फटी हुई दहिनी
जेब में पालिथिन
की पुड़िया में
सम्भाल लें

कुछ मुँह में
ऐसा रंग लगाये
चेहरे के ऊपर ही
एक चेहरा बन जाये
कोई भी मिले उसे
देख कर जबरदस्ती
ही सही मुस्कुरायें

"होली की बहुत
बहुत बधाई"
बड़बड़ायें

दो चार घंटे सुबह के
किसी तरह काट ले
फिर चैन की साँस लें

पानी गरम करवायें
साबुन से रंग छुड़ाये

होली हो ली सोच कर
होली के कपड़ों
को धुलवायें

धूप में सुखा कर
फिर से पुराने ट्रंक
में डाल आयें

निपट गयी होली
मान कर
आराम फरमायें ।