कतिपय
कारणों से
तू अपनी एक
अच्छी छवि नहीं
बना पाया होगा
कभी ऎसा
भी होता है
समझौते करना
करवाना शायद
इसी चीज ने तुझे
तभी सिखाया होगा
होता है
इसीलिये
तू बहुत ही शातिर
हो पाया होगा
यही तो फिर
होता है
इन सब के बावजूद
सारे काम निकलवाने
के लिये तूने अपनी
बुद्धि को लगाया होगा
जो करना ही
होता है
एक अच्छी छवि
के आदमी को
बहलाया होगा
काम वही कर रहा है
सबको दिखाया होगा
हर किसी को
इस तरह का
एक आदमी
चाहिये ही
होता है
काम करवाने
के लिये
पैसे रुपिये
जमा कुछ
करवाया होगा
बिना इसके कोई
काम कैसे होता है
थोड़ा कुछ उसमें से
तूने भी खाया होगा
अब मेहताना
कौन बेवकूफ
नहीं लेता है
अच्छी छवि
वाले को
किसी ने कुछ
बताया होगा
भला ऎसा
कहीं होता है
अब समझ में
आ ही गया
होगा तेरे को
अच्छे कर्म
करने का
फायदा जरूर
होता है
ये बात
अलग है कि
उसका श्रेय कोई
और ले लेता है
इसी लिये तो
कहा गया है
नेकी करने के बाद
उसको कूँऎं में क्यों
नहीं डाल देता है
जिसे नहीं आती है
समझ में यही बात
वो सब कुछ किसी
के लिये करने
पर मजबूर
होता है
करना भी उसे
होता है
और
करनी पर रोना
भी उसे ही
होता है
तू खुद
ही सोच ले अब
एक अच्छी
छवि होने से
कोई कितना
बदनसीब
होता है ।
कारणों से
तू अपनी एक
अच्छी छवि नहीं
बना पाया होगा
कभी ऎसा
भी होता है
समझौते करना
करवाना शायद
इसी चीज ने तुझे
तभी सिखाया होगा
होता है
इसीलिये
तू बहुत ही शातिर
हो पाया होगा
यही तो फिर
होता है
इन सब के बावजूद
सारे काम निकलवाने
के लिये तूने अपनी
बुद्धि को लगाया होगा
जो करना ही
होता है
एक अच्छी छवि
के आदमी को
बहलाया होगा
काम वही कर रहा है
सबको दिखाया होगा
हर किसी को
इस तरह का
एक आदमी
चाहिये ही
होता है
काम करवाने
के लिये
पैसे रुपिये
जमा कुछ
करवाया होगा
बिना इसके कोई
काम कैसे होता है
थोड़ा कुछ उसमें से
तूने भी खाया होगा
अब मेहताना
कौन बेवकूफ
नहीं लेता है
अच्छी छवि
वाले को
किसी ने कुछ
बताया होगा
भला ऎसा
कहीं होता है
अब समझ में
आ ही गया
होगा तेरे को
अच्छे कर्म
करने का
फायदा जरूर
होता है
ये बात
अलग है कि
उसका श्रेय कोई
और ले लेता है
इसी लिये तो
कहा गया है
नेकी करने के बाद
उसको कूँऎं में क्यों
नहीं डाल देता है
जिसे नहीं आती है
समझ में यही बात
वो सब कुछ किसी
के लिये करने
पर मजबूर
होता है
करना भी उसे
होता है
और
करनी पर रोना
भी उसे ही
होता है
तू खुद
ही सोच ले अब
एक अच्छी
छवि होने से
कोई कितना
बदनसीब
होता है ।