उलूक टाइम्स

रविवार, 25 दिसंबर 2011

पहचानो ना

अंकपत्र हाईस्कूल प्रमाणपत्र 
राशनकार्ड मतदान पहचान पत्र
टेलीफोन का बिल
बैंक की पासबुक
अंगूठे का निशान
आदमी की पहचान

सब के सब अचल
जो चलता है 
मतलब दिमाग से है
बेकार की एक चीज

दिमाग किसी आदमी की 
आईडेंटिटी नहीं हो सकता कभी
पता ही नहीं है
दिमाग आदमी को चलाये
या
आदमी दिमाग को चलाये

चलता दिमाग
किसी को भी अच्छा नहीं लगता
एक कूड़ा दिमाग बौस 
मातहत के दिमाग को 
हलुवा मानता है
जिसे कोई भी पकाये कोई भी खाये

दिमाग को 
आडेंटिटी नहीं बना सकते
पल में जनवरी पल में दिसम्बर 
हो जाता है दिमाग

अन्ना को कोई राय नहीं दे सकता
फिंगर प्रिंट की जगह मेंटल प्रिंट करवायें 
दिमाग हर क्षण बदलता है दिमाग 

और वाकई में हो जाये ऎसा
तो दिमाग पागल का
होगा एक पहचान
और बाकी 
छानते फिरेंगे कूड़ा 
अपनी पहचान के लिए।