उलूक टाइम्स

शुक्रवार, 23 मार्च 2012

धुआँ

जरूरी नहीं 
कुछ जले और धुआँ भी उठे

धुऎं का धुआँ बनाना तो
और भी मुश्किल काम है

कब कौन क्या जला ले जाता है
किसी को पता नहीं चल पाता है

हर कोई अपना धुआँ बनाता है
हर कोई अपना धुआँ फैलाता है

कहते हैं 
आग होगी तो धुआँ भी उठेगा

माहिर लोग 
इन सब बातो को नहीं मानते हैं

वो तो 
धुऎं का धुआँ बनाना 
बहुत ही अच्छी तरह जानते हैं

बहुत बार
धुआँ धुऎं में ही मिल जाता है
कौन किसका धुआँ था 
पता नहीं लग पाता है

ये भी जरूरी नहीं 
हर चीज जल कर धुआँ हो जाये
बिना जले भी कभी कभी धुआँ देखा जाता है

धुऎं का धुआँ बनाकर धुआँ देखने वाला 
खुद कब धुआँ हो जाता है
ये धुआँ जरूर बताता है।

चित्र साभार: imgarcade.com