उलूक टाइम्स

रविवार, 8 अप्रैल 2012

मदारी और बंदर

हर
मदारी
अपने बंदर
नचा रहा है

बंदर बनूं
या मदारी

समझ में
ही नहीं
आ रहा है

हर कोई
ज्यादा से
ज्यादा बंदर
चाह रहा है

ज्यादा
बंदर वाला

बड़ा
हैड मदारी
कहलाया
जा रहा है

बंदर
बना
हुवा भी

बहुत खुश
नजर आ
रहा है

मदारी
मरेगा तो

डमरू
मेरे ही हाथ
में तो पड़ेगा
के सपने
सजा रहा है

बंदर
बना कर
नचाना

और
मदारी
हो जाना

अब
सरकारी
प्रोग्राम होता
जा रहा है


सुनाई दे
रहा है

जल्दी ही
बीस सूत्रीय
कार्यक्रम में
भी शामिल
किया जा
रहा है

काश !

मुझे भी
एक बंदर
मिल जाता

या फिर  

कोई
मदारी
ही मुझको
नचा ले जाता

पर
कोई भी
मेरे को 
जरा सा भी
मुंह नहीं
लगा रहा है

क्या
आपकी
समझ में कुछ
आ रहा है?

चित्र साभार: 1080.plus