लिखे लिखाये में
ना तेरे होता है
ना मेरे होता है
सब कुछ उतार
के खड़ा होने
वाले के सामने
कोई नहीं होता है
जिक्र जरूर होता है
डरे हुऐ इंसानो के बीच
शैतान की बात ही
अलग होती है
वो सबसे अलग होता है
आदमी तो बस
किसी का
एक कुत्ता होता है
आप परेशान ना होवें
कुत्ता होने से पहले
आदमी होना होता है
कोई नहीं लिख रहा है
कोई भी सच कहीं पर भी
झूठ लिखने वाला भी
हमेशा ही सच से डरा होता है
बड़ी तमन्ना है
देखने की
शक्ल बन्दूक की
और गोली की भी
वहाँ जहाँ
हर कोई बन्दूक है
और गोली ठोक रहा होता है
बहुत इच्छा है
‘उलूक’ की
किसी दिन
नंगा होकर नाचने की
देखकर
साथ के एक नंगे को
जो नंगई कर के भी
नाच रहा होता है |
चित्र साभार: https://www.123rf.com
ना तेरे होता है
ना मेरे होता है
सब कुछ उतार
के खड़ा होने
वाले के सामने
कोई नहीं होता है
जिक्र जरूर होता है
डरे हुऐ इंसानो के बीच
शैतान की बात ही
अलग होती है
वो सबसे अलग होता है
आदमी तो बस
किसी का
एक कुत्ता होता है
आप परेशान ना होवें
कुत्ता होने से पहले
आदमी होना होता है
कोई नहीं लिख रहा है
कोई भी सच कहीं पर भी
झूठ लिखने वाला भी
हमेशा ही सच से डरा होता है
बड़ी तमन्ना है
देखने की
शक्ल बन्दूक की
और गोली की भी
वहाँ जहाँ
हर कोई बन्दूक है
और गोली ठोक रहा होता है
बहुत इच्छा है
‘उलूक’ की
किसी दिन
नंगा होकर नाचने की
देखकर
साथ के एक नंगे को
जो नंगई कर के भी
नाच रहा होता है |
चित्र साभार: https://www.123rf.com