रोज
कोशिश
करता हूँ
कुछ
ना कुछ
पका ही
ले जाता हूँ
खुद
खाने के
लिये नहीं
यहाँ परोसने
के लिये
ले आता हूँ
कुछ
खाने वाले
खीर को
आईसक्रीम
बताते हैं
चीनी
डाली है
कहने पर
नमक तेज
डाल दिया
तक
कह जाते हैं
अब
रसोईया
वही तो
पका पायेगा
जिस
चीज का
कच्चा माल
अपने आस पास
उसे मिल जायेगा
खाने
वाले को पसंद
आये तो ठीक
नहीं भी आये
तब भी परोस तो
दिया ही जायेगा
कोई
थोड़ा खायेगा
कोई पूरा
खा जायेगा
कोई कोई
थाली को
सरका कर के
किनारे से
निकल जायेगा
किसी के मन
बहुत ज्यादा
भा गया
खाना मेरा
तो रोटियाँ
अपनी थाली
के लिये भी
उठा ले जायेगा
मेरा क्या जायेगा?
कोशिश
करता हूँ
कुछ
ना कुछ
पका ही
ले जाता हूँ
खुद
खाने के
लिये नहीं
यहाँ परोसने
के लिये
ले आता हूँ
कुछ
खाने वाले
खीर को
आईसक्रीम
बताते हैं
चीनी
डाली है
कहने पर
नमक तेज
डाल दिया
तक
कह जाते हैं
अब
रसोईया
वही तो
पका पायेगा
जिस
चीज का
कच्चा माल
अपने आस पास
उसे मिल जायेगा
खाने
वाले को पसंद
आये तो ठीक
नहीं भी आये
तब भी परोस तो
दिया ही जायेगा
कोई
थोड़ा खायेगा
कोई पूरा
खा जायेगा
कोई कोई
थाली को
सरका कर के
किनारे से
निकल जायेगा
किसी के मन
बहुत ज्यादा
भा गया
खाना मेरा
तो रोटियाँ
अपनी थाली
के लिये भी
उठा ले जायेगा
मेरा क्या जायेगा?